बांग्लादेश में सरकार विरोधी प्रदर्शनों के बाद अपना देश छोड़कर भारत आईं अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना “थोड़े और समय के लिए” दिल्ली में रहेंगी. हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने बुधवार को यह जानकारी दी. अवामी लीग की नेता हसीना (76) सोमवार को दिल्ली के निकट स्थित एक वायुसेना स्टेशन पहुंची थीं और बाद में उन्हें कड़ी सुरक्षा के तहत दिल्ली में एक सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया था. हसीना के साथ उनकी बहन शेख रेहाना भी हैं.
जर्मनी के मीडिया संस्थान डॉयशे वेले को दिए साक्षात्कार के दौरान जॉय से किसी तीसरे देश से शरण मांगने की हसीना की योजना के बारे में पूछा गया.
जॉय ने कहा, “ये सभी अफवाहें हैं. उन्होंने अभी इस बारे में कोई निर्णय नहीं लिया है. वह कुछ और समय के लिए दिल्ली में ही रहेंगी. मेरी बहन उनके साथ हैं. लिहाजा वह अकेली नहीं हैं.” हसीना की बेटी सायमा वाजेद विश्व स्वास्थ्य संगठन की दक्षिण-पूर्व एशिया क्षेत्र की क्षेत्रीय निदेशक हैं, जिसका मुख्यालय नयी दिल्ली में है. ब्रिटेन द्वारा शरण दिए जाने में टालमटोल के बाद हसीना की लंदन यात्रा की योजना अधर में लटक गई है. रेहाना की बेटी ट्यूलिप सिद्दीकी ब्रिटिश संसद की सदस्य हैं.
बांग्लादेश में मौजूदा अस्थिरता पर बात करने वाले जॉय से यह भी पूछा गया कि क्या उनकी राजनीति में आने की कोई योजना है, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “अभी ऐसी कोई योजना नहीं है. यह तीसरी बार है जब हमारे परिवार के खिलाफ तख्तापलट किया गया है.'' उन्होंने कहा कि हसीना को छोड़कर उनके परिवार के सभी सदस्य पहले से ही लंबे समय से विदेश में रह रहे थे और शेख रेहाना या परिवार के किसी अन्य सदस्य के राजनीति में आने की संभावना नहीं है.