पुलिस ने महाराष्ट्र में सिंधुदुर्ग जिले के एक किले में स्थापित छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढहने की घटना के सिलसिले में इसके निर्माण में शामिल एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। एक अधिकारी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी।
हाल में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह जाने के बाद राज्य में बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया था।
अधिकारी ने बताया कि उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किए गए परमेश्वर रामनरेश यादव ने मराठा योद्धा शिवाजी की 35 फुट ऊंची प्रतिमा को आकार देते समय घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया था।
अधिकारी ने बताया कि यादव को शिवाजी महाराज की प्रतिमा के अलग-अलग हिस्सों की जोड़कर इसके निर्माण का काम सौंपा गया था।
पुलिस ने बताया कि निर्माता ने शिवाजी महाराज की प्रतिमा बनाने के लिए घटिया सामग्री का इस्तेमाल किया तथा उसने प्रतिमा के विभिन्न हिस्सों को ‘वेल्डिंग’ के जरिए ठीक से नहीं जोड़ा।
उन्होंने बताया कि तकनीकी विश्लेषण में पता चला कि इस्पात से बनाई गई प्रतिमा के कुछ हिस्सों में जंग लग गई थी, जिससे यह पता चलता है कि इसके निर्माण में निम्न गुणवत्ता वाली सामग्री का इस्तेमाल किया गया था।
अधिकारी ने बताया कि शिवाजी महाराज की प्रतिमा ढह जाने की घटना में यादव की भूमिका सामने आने के बाद उसे भी आरोपी बनाया गया और बृहस्पतिवार को उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
उन्होंने बताया कि यादव को अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया गया है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सिंधुदुर्ग जिले की मालवण तहसील के राजकोट किले में स्थापित की गई शिवाजी महाराज की प्रतिमा का पिछले साल चार दिसंबर को नौसेना दिवस के उपलक्ष्य पर अनावरण किया था, लेकिन इस साल 26 अगस्त को तेज हवाओं के बीच यह प्रतिमा ढह गई थी।
प्रतिमा के मूर्तिकार-ठेकेदार जयदीप आप्टे और सलाहकार चेतन पाटिल को बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।