अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने बुधवार को घोषणा की कि भारत पर 1 अगस्त से 25% टैरिफ लागू किया जाएगा। यह निर्णय भारत द्वारा रूस से सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदने के कारण लिया गया है, जिसे ट्रंप ने यूक्रेन युद्ध के संदर्भ में अस्वीकार्य बताया। ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया मंच ट्रुथ सोशल पर कहा, "भारत हमारा मित्र है, लेकिन हमने उनके साथ बहुत कम व्यापार किया है क्योंकि उनके टैरिफ दुनिया में सबसे अधिक हैं और गैर-मौद्रिक व्यापार बाधाएं भी कठिन हैं।" उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि भारत रूस से भारी मात्रा में सैन्य उपकरण और ऊर्जा खरीदता है, जो वर्तमान वैश्विक परिस्थितियों में अमेरिका के हितों के खिलाफ है।
ट्रंप ने कहा कि यह टैरिफ भारत के मौजूदा 26% टैरिफ के अतिरिक्त होगा, जो पहले से ही अप्रैल 2025 में लागू किया गया था। इस कदम को ट्रंप ने "रेसिप्रोकल टैरिफ" नीति का हिस्सा बताया, जिसके तहत अमेरिका उन देशों पर समान टैरिफ लगाएगा जो अमेरिकी सामानों पर उच्च शुल्क लगाते हैं। भारत और अमेरिका के बीच व्यापारिक असंतुलन को ट्रंप ने इस फैसले का प्रमुख कारण बताया, क्योंकि भारत का अमेरिका के साथ व्यापार अधिशेष 2023-24 में $77.5 बिलियन रहा, जबकि अमेरिका से आयात केवल $42.2 बिलियन था।
भारत ने इस घोषणा पर सतर्क प्रतिक्रिया दी है। वाणिज्य मंत्रालय ने कहा कि वह टैरिफ के प्रभावों का अध्ययन कर रहा है और भारतीय उद्योगों व निर्यातकों के साथ विचार-विमर्श कर रहा है। सरकार का कहना है कि वह जल्दबाजी में जवाबी कार्रवाई नहीं करेगी, बल्कि एक व्यापार समझौते (BTA) पर ध्यान देगी, जिसके लिए दोनों देशों के बीच बातचीत चल रही है। विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने हाल ही में कहा कि भारत-अमेरिका व्यापार समझौता "प्रगति पर है" और इसे राष्ट्रीय हित में अंतिम रूप दिया जाएगा।ल
हालांकि, ट्रंप ने संकेत दिया कि यदि 1 अगस्त तक कोई समझौता नहीं हुआ, तो टैरिफ लागू हो जाएगा। विशेषज्ञों का मानना है कि यह कदम भारत के ऑटोमोबाइल, स्टील, और दवा उद्योगों को प्रभावित कर सकता है, जो अमेरिका में भारत के सबसे बड़े निर्यात क्षेत्र हैं। भारत अब एक संतुलित रणनीति पर विचार कर रहा है, जिसमें अमेरिकी उत्पादों पर जवाबी टैरिफ या रियायतें शामिल हो सकती हैं।