1984 के सिख विरोधी दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने पांच और लोगों को गिरफ्तार किया है जो उस भीड़ का हिस्सा थे जिसने हिंसा के दौरान एक घर में आग लगा दी थी जिसमें 127 लोग मारे गए थे।
तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की उनके सिख अंगरक्षकों द्वारा हत्या के बाद हुई हिंसा के सिलसिले में अब तक विशेष जांच दल (एसआईटी) ने 11 लोगों को गिरफ्तार किया है।बुधवार को नई गिरफ्तारियां की गईं। उत्तर प्रदेश सरकार ने तीन साल पहले दंगों से जुड़े मामलों की दोबारा जांच के लिए एसआईटी का गठन किया था।
गिरफ्तार पांचों की पहचान किदवई नगर निवासी रविशंकर मिश्रा (76), भोला कश्यप (70), जसवंत जाटव (68), रमेश चंद्र दीक्षित (62) और गंगा बख्श सिंह (60) के रूप में हुई है।
एसआईटी का नेतृत्व कर रहे पुलिस उप महानिरीक्षक (डीआईजी) बालेंदु भूषण सिंह ने कहा कि उन्हें मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश किया गया, जिसने उन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
उन्होंने कहा कि उन पर भारतीय दंड संहिता की धारा 326 (खतरनाक हथियारों या साधनों से स्वेच्छा से गंभीर चोट पहुंचाना), 396 (हत्या के साथ डकैती) और 436 (घर को नष्ट करने के इरादे से आग या विस्फोटक पदार्थ से शरारत करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।
डीआईजी ने आरोपी को पकड़ने में अहम भूमिका निभाने वाली 17 सदस्यीय पुलिस टीम की प्रशंसा की और इसके लिए 25 हजार रुपये नकद इनाम देने की घोषणा की। डीआईजी ने कहा कि सभी फरार लोगों की जल्द से जल्द गिरफ्तारी के प्रयास किए जा रहे हैं।
आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई 15 जून को तब शुरू हुई थी जब एसआईटी ने चार मुख्य आरोपियों को घाटमपुर से गिरफ्तार किया था। कुछ दिन पहले ही एसआईटी ने दो लोगों को गिरफ्तार किया था।