कुल्लू के उपायुक्त राकेश कंवर ने आठ शवों के मिलने की पुष्टि की। शवों को मलबे से निकाला गया जबकि तलाश का काम अब भी जारी है। प्रत्यक्षदर्शियों ने दावा किया कि मृतकों की संख्या दस से अधिक हो सकती है क्योंकि जब हादसा हुआ तब गुरूद्वारे से लगी इस इमारत में बड़ी संख्या में लोगों ने शरण ले रखी थी। मृतकों या घायलों की सही संख्या का पता नहीं चला है क्योंकि कुछ शवों के अब भी मलबे में दबे होने की आशंका है।
जिला प्रशासन ने शवों का पता करने और उनकी शिनाख्त के लिए गुरूद्वारा प्रशासन से मदद मांगी क्योंकि इमारत में रह रहे अधिकतर लोग बाहरी थे। तीन मंजिला इस इमारत का एक बड़ा हिस्सा गिरने पर कई लोग मलबे में दब गए है। स्थानीय लोगों और गुरूद्वारा प्रबंधन समिति ने तत्काल सक्रिय होते हुए बचाव अभियान शुरू कर दिया। अतिरिक्त जिला मजिस्टेट, कुल्लू के उप-संभागीय मजिस्टेट और जिले के दूसरे अधिकारी भी घटना स्थल पर पहुंच चुके हैं।
घायलों को कुल्लू के जोनल अस्पताल में भर्ती कराया गया है, जिनमें से सात की हालत काफी गंभीर बताई जा रही है। अभी कई लोगों के मलबे में दबे होने की आशंका जताई जा रही है। फिलहाल राहत कार्य जारी है। हिमाचल में प्राकृतिक आपदा को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमों को तैनात करने का आदेश दिया है। राज्य में भारी बारिश की वजह से अब तक 60 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। इसी बीच कुल्लू जिले में तैनात आईटीबीपी की दूसरी बटालियन के जवानों को घटनास्थल पर भेजा गया है। इस दल में एक डाॅक्टर समेत पर्वतीय इलाकों में कार्रवाई के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित करीब 30 कर्मी हैं। वे भूस्खलन स्थल पर राहत एवं बचाव अभियान में स्थानीय लोगों और प्रशासन की मदद करेंगे।
अतिक्रमण कर बनी थी इमारत
कुल्लू के उपायुक्त कंवर ने कहा कि भूस्खलन से इमारत अतिक्रमण कर बनी थी और उसे जल्द ही खाली करा लिया जाएगा। उन्होंने बताया कि यह एक अधिकृत, कानूनी ढांचा नहीं है और हमने वन अधिकारियों को नोटिस जारी कर उनके खिलाफ कार्रवाई करने के लिए कहा है।
कुल्लू के पुलिस अधीक्षक सुरिंदर वर्मा ने कहा कि और चट्टानों के गिरने की आशंका को देखते हुए पूरे इलाके की घेराबंदी कर दी गई है।