छत्तीसगढ़ के सुकमा जिले के दोरनापाल थाना परिसर में 11 महिला नक्सलियों समेत 122 नक्सलियों ने पुलिस के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक संतोष सिंह ने जानकारी देते हुए बताया कि 11 महिलाओं समेत 122 नक्सलियों ने शनिवार को बस्तर आईजी एसआरपी कल्लूरी, सीआरपीएफ के डीआईजी, सुकमा कलेक्टर नीरज बंसोड़, सुकमा एसपी बी श्रवण, बस्तर एसपी आरएन दास के समक्ष आत्मसमर्पण किया। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में रमेश गोलापल्ली, राजा पोलमपल्ली (एलओएस सदस्य), बदरू किस्टाराम (एलजीएस सदस्य), पितवास उर्फ गुड्डू (डीएकेएमएस अध्यक्ष कांगेरघाटी एरिया), राजे (केएएमएस अध्यक्ष), कोसा, हूंगा (जनमिलिशिया कमांडर) और उंडाम जोगा (सीएनएम अध्यक्ष) के सिर पर एक लाख रूपए का ईनाम घोषित है। वहीं महादेव (डीएकेएमएस अध्यक्ष कटेकल्याण एरिया) पर एक लाख पांच हजार रूपए, जुदेव (नक्सली स्कूल शिक्षक) पर तीन हजार रूपए और मिलिशिया सदस्य लिंगा पर एक हजार रूपए का ईनाम घोषित है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 51 जनमिलिशिया सदस्य, 33 डीएकेएमएस सदस्य, 12 सीएनएम सदस्य तथा चार आदिवासी बालक संगठन सदस्य शामिल हैं। सिंह ने बताया कि नक्सली सदस्य रमेश, महादेव और दरिदो रामा ने भरमार बंदूक के साथ समर्पण किया है। समर्पित नक्सलियों में पांच के खिलाफ न्यायालय से वारंट जारी है तथा अन्य के खिलाफ विभिन्न थाना क्षेत्रों में मामला दर्ज है। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि उन्होंने छत्तीसगढ शासन की पुर्नवास योजना के प्रचार प्रसार से प्रभावित होकर तथा खोखली मोओवादी विचारधारा शोषण और भेदभाव से तंग आकर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का फैसला किया है।
पुलिस अधिकारी ने बताया कि आत्मसमर्पण के दौरान मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों और उनके सहयोगियों को तत्काल 10-10 हजार रूपए प्रोत्साहन राशि प्रदान किया गया। आत्मसमर्पित नक्सलियों को छत्तीसगढ़ शासन की राहत एवं पुर्नवास योजना के तहत नियमानुसार सहायता दी जाएगी।