राजस्थान के अलवर के कोर्ट ने शनिवार को सात महीने की बच्ची से रेप के आरोपी 19 वर्षीय युवक पिंटू को फांसी की सजा सुनाई गई है। राजस्थान विधान सभा द्वारा इस साल मार्च में 12 साल के कम उम्र की बच्चियों से रेप के मामले में मौत की सजा को मंजूरी दिए जाने के बाद यह पहला फैसला है।
विशिष्ट न्यायाधीश जगेंद्र अग्रवाल ने आरोपी लक्ष्मणगढ़ क्षेत्र के हरसाना निवासी पिंटू को यह सजा सुनाई। राजस्थान में यह पहला मामला है जिसमें पॉक्सो एक्ट के तहत कोर्ट ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए फांसी की सजा सुनाई है। 18 जुलाई को कोर्ट ने इस मामले में पिंटू को दोषी ठहराया था और शनिवार को सजा सुनाने का फैसला किया था। दस मई को दर्ज इस मामले में कोर्ट ने रोज सुनवाई की थी। 22 अदालती दिवसों और 13 पेशियों में इस मामले का फैसला आया।
पीड़ित बच्ची की मां नौ मई को एक रिश्तेदार के पास मासूम को छोड़कर चली गई थी। जब उसने वापस आकर बच्ची के बारे में पूछा तो रिश्तेदार ने बताया कि उसे कोई पड़ोसी ले गया है। काफी देर बाद जब बच्ची वापस नहीं आई तो उसे ढूंढा गया। बच्ची फुटबॉल के मैदान में रोती हुई पाई गई। उसके बाद मां-बाप बच्ची को वापस अपने घर लक्ष्मणगढ़ ले गए और इस मामले की सूचना पुलिस को दी। पूरी कार्रवाई के दारौन मासूम करीब 20 दिन अस्पताल में भर्ती भी रही।
इस दौरान पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर लिया। मेडिकल जांच के बाद इस बात की पुष्टि हो गई कि पिंटू ने ही इस वारदात को अंजाम दिया था।