छत्तीसगढ़ के राजपुर गांव की एक गौशाला में कथित तौर पर भूख से 200 गायों की मौत के बाद गौशाला के मालिक सतीश वर्मा को शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया गया है। ध्यान देने वाले बात है कि हरीश वर्मा भारतीय जनता पार्टी का नेता और जामुल नगर निगम का उपाध्यक्ष है।
भाजपा से जुड़े लोग गौरक्षा की बात करते रहते हैं। ऐसा तब हुआ जब प्रदेश में भी भाजपा की सरकार है और गौशाला का मालिक भाजपा का नेता है। पिछले लम्बे समय से गौरक्षा के नाम पर तमाम तरह की हिंसा की खबरें भी आई हैं। सवाल उठता है कि इस मामले में कथित गौरक्षक इस मामले में चुप क्यों हैं?
पीटीआई के मुताबिक, 200 गायों की मौत पर हरीश वर्मा ने सारे आरोपों से इनकार किया है और उन्होंने कहा कि वे पिछले दो सालों से राज्य सरकार से गौशाला के लिए आर्थिक मदद की मांग कर रहे थे।
मीडिया से बातचीत में उन्होंने कहा, ''मेरी गौशाला में गायें बहुत ज्यादा हैं। 220 की क्षमता वाली गौशाला में 650 गायें हैं। मैंने राज्य सरकार से कई बार कहा कि मैं उन्हें खिला पाने में असमर्थ हूं लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ। गौशाला के लिए 10 लाख से ज्यादा रुपए सरकार के पास हैं लेकिन उन्हें जारी नहीं किया गया।''
अधिकारियों ने 30 गायों की भूख से मौत की पुष्टि की है। पुलिस ने कहा कि हरीश वर्मा को शुक्रवार को छत्तीसगढ़ एग्रीकल्चरल कैटल प्रिजर्वेशन एक्ट-2004, की धारा 11 और धारा 409 के तहत गिरफ्तार कर लिया गया है।
हालांकि गांव वालों का आरोप है कि गायों की मौत की संख्या 200 से ज्यादा भी हो सकती है। उनका आरोप है कि बहुत सी गायों को गौशाला के आस-पास दफनाया गया है।
राजपुर की सरपंच के पति सेवाराम साहू ने कहा, ''हमने गौशाला के पास कई जेसीबी मशीन देखीं और मीडिया वालों को सूचित किया। जब हम वहां पहुंचे तो हमने देखा बहुत से गढ्ढे खोदे जा रहे हैं और मरी हुई गायें पड़ी हैं, जिन्हें दफनाया जाना था।''
मौके पर मौजूद डॉक्टरों का मानना है कि गायों की मौत भूख और दवाइयों, देख-रेख में कमी के चलते हुई।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, दुर्ग जिले के वेटेरिनरी डिपार्टमेंट के डिप्टी डायरेक्टर एमके चावला का कहना है, ''फिलहाल, इस स्तर तक गायों की मौत की वजह चारे की कमी लग रही है। 27 गायों का पोस्टमार्टम किया जा चुका है। बाकी की दफनायी गई गायों को निकाला जाना बाकी है। उन्होंने आगे कहा कि 50 गायों की हालत नाजुक है और उनका इलाज चल रहा है।''
लोकल सब-डिवीजन मजिस्ट्रेट राजेश पात्रे का कहना है कि गायों की मौत की ठीक-ठीक संख्या अभी बताई नहीं जा सकती और मामले की जांच चल रही है।
छत्तीसगढ़ में 115 गौशालाएं हैं जिनमें करीब 26,000 गायें हैं।