केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि सभी सुरक्षा बलों और एजेंसियों को मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद को पूरी तरह से खत्म करने के लिए संयुक्त प्रयास करना चाहिए।
शाह ने सोमवार को छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद (एलडब्ल्यूई) की स्थिति का आकलन करने के लिए एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) इस प्रयास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।
एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया गया कि बैठक में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, केंद्रीय गृह सचिव गोविंद मोहन, छत्तीसगढ़ के मुख्य सचिव और पुलिस महानिदेशक तथा केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) के महानिदेशक उपस्थित थे।
बैठक के दौरान शाह ने सभी बलों और एजेंसियों से मार्च 2026 तक वामपंथी उग्रवाद के पूर्ण उन्मूलन के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए संयुक्त प्रयास करने को कहा।
बयान में शाह के हवाले से कहा गया कि छत्तीसगढ़ पुलिस और अन्य सुरक्षा बलों ने नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई में समन्वित तरीके से बहुत अच्छा काम किया है और पिछले एक साल में नक्सलियों को अधिकतम नुकसान पहुंचाया है, जो एक बड़ी सफलता है।
शाह ने कहा, "मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को खत्म करने के लिए हमें अभी भी बहुत कुछ करना है। राष्ट्रीय जांच एजेंसी इस प्रयास में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी।"
केंद्रीय मंत्री ने विश्वास व्यक्त करते हुए कहा कि मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद का सफाया कर दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि सीआरपीएफ, आईटीबीपी, बीएसएफ, छत्तीसगढ़ पुलिस और जिला रिजर्व गार्ड (डीआरजी) मिलकर एक साल में बहुत बड़ा लक्ष्य हासिल करने की दिशा में आगे बढ़े हैं।
विज्ञप्ति में कहा गया कि इससे पहले दिन में उन्होंने बीजापुर जिले में सुरक्षा बलों के गुंडम अग्रिम परिचालन बेस का दौरा किया और परिचालन तैयारियों की समीक्षा की।