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यूपीः जीबीसी-3 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के 648 करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से पूर्वांचल के हिस्से में 176 करोड़, निवेशकों की पसंद बना पूर्वांचल

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा शुरुआत से ही प्रदेश को टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र...
यूपीः जीबीसी-3 में हॉस्पिटैलिटी सेक्टर के 648 करोड़ के निवेश प्रस्तावों में से पूर्वांचल के हिस्से में 176 करोड़, निवेशकों की पसंद बना पूर्वांचल

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा शुरुआत से ही प्रदेश को टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी के क्षेत्र देश में शीर्ष स्थान पर पहुँचाने की रही है। इस दिशा में योगी-01 में इसी मकसद से नई टूरिज्म पालिसी लायी गयी। इसके तहत इस क्षेत्र में निवेश करने वालों को कई तरह की रियायतें दी गई। प्रयागराज के दिव्य एवं भव्य कुंभ, अयोध्या के दीपोत्सव, काशी के देवदीपावली की आक्रामक ब्रांडिंग की गई।सरकार के इन लगातार प्रयासों का नतीजा सकारात्मक रहा।

जीबीसी-3 में इस क्षेत्र के लिए आये लगभग 700 करोड़ रुपये के निवेश प्रदताव इसके प्रमाण हैं। खास बात यह है कि पूर्वांचल में वाराणसी के अलावा गोरखपुर निवेशकों की नई पसंद बनकर उभरा है। इस क्षेत्र में अलग अलग शहरों में आए निवेशों पर नजर डालें तो गोरखपुर अकेला ऐसा शहर हैं जिसे टूरिज़्म और हॉस्पिटैलिटी में सबसे ज्यादा निवेश प्राप्त हुआ है।

जीबीसी 3 में इस सेक्टर में कुल 648 करोड़ रुपए के निवेश आए हैं जिसमें सिर्फ गोरखपुर को 153.8 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव मिले हैं। इन प्रस्तावों में ऐशप्रा सॉल्यूशन प्राइवेट लिमिटेड का 82.6 करोड़, कॉन्टिनेंटल डेवेलपर्स प्राइवेट लिमिटेड का 36.2 करोड़ और साकेतकुंज लैंडमार्क प्राइवेट लिमिटेड का 35 करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव शामिल हैं। गोरखपुर के बाद अगर किसी शहर का नंबर आता है तो वो है मेरठ का जहां इस क्षेत्र में 150 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव आया है। लेकिन यह सिर्फ एक प्रोजेक्ट के लिए है।

पर्यटन को परवान चढ़ाने के लिए यूपी सरकार नित नए उपाय अपना रही। बात सिर्फ गोरखपुर की नहीं बल्कि सरकार का उद्देश्य पिछली सरकारों के दौरान उपेक्षित रहे पूरे पूर्वांचल क्षेत्र को ही आगे बढ़ाने की है। गोरखपुर के साथ-साथ वाराणसी में भी 22.5 करोड़ रुपए का निवेश प्रस्ताव आया है। दोनों को जोड़ कर देखें तो पूर्वांचल के क्षेत्र में कुल 176.3 करोड़ रुपए का निवेश मिला है।

इसका श्रेय सीएम योगी की 2018 में लाई गई पर्यटन नीति को जाता है। उसी का नतीजा है कि पिछले कुछ सालों में पर्यटन के क्षेत्र में प्रदेश में निवेश में भारी वृद्धि हुई है।

योगी 1.0 में पर्यटन विकास के लिए 3000 करोड़ की परियोजनाएं धरातल पर उतरीं :

सीएम योगी के पिछले कार्यकाल में पर्यटन विकास की करीब 3,000 करोड़ रुपए की 1084 परियोजनाएं धरातल पर उतरी हैं। जबकि 2012 से 2017 तक मात्र 820 करोड़ की 222 परियोजनाएं ही धरातल पर उतर पाई थीं। कोरोना के बावजूद 2017 से 2021 तक प्रदेश में पर्यटकों की संख्या में 27 फीसदी का इजाफा हुआ है। प्रदेश में 125 करोड़ से अधिक भारतीय पर्यटक और सवा करोड़ से अधिक विदेशी पर्यटक आए हैं। पर्यटकों की संख्या बढ़ने के कारण प्रदेश में होटलों और कमरों की संख्या में भी इजाफा हुआ है। 2017 से 2019 तक होटलों में 45 सौ से अधिक नए कमरे बने हैं।

उत्तर प्रदेश के पर्यटन मंत्री जयवीर सिंह का कहना है कि सरकार का लक्ष्य है कि देश ही नहीं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पर्यटकों की आमद यहाँ हो ऐसी व्यवस्था बनाई गई है। धार्मिक और प्राकृतिक दृष्टि से उत्तर प्रदेश 'उत्तम' व 'समृद्ध' है। पर्यटकों का स्वागत और सुविधाओं का ध्यान रखना सरकार का दायित्व है।

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