सिहोर पुलिस के मुताबिक जिले के ग्राम जमुनिया खुर्द निवासी 55 वर्षीय बंसीलाल मीना ने आज सुबह अपने घर की छत से लटक कर मौत को गले लगा लिया। उनके पुत्र मनोज ने इसकी वजह सूखा के कारण 11 लाख रुपये का कर्ज न चुका पाना बताया। वहीं, सिहोर के एएसपी एपी सिंह ने पत्रकारों को बताया कि किसानों की मौत का केस दर्ज कर लिया गया है।
विदिशा जिले के सयार बैमोर गांव के जीवन सिंह (35) ने अपने खेत पर एक पेड़ से लटक कर फांसी लगा ली। हालांकि तहसीलदार संतोष बिटोलिया ने सिंह की आत्महत्या की वजह उसकी पत्नी से हुए झगड़े को बताया है। लेकिन जीवन के एक परिजन का कहना है कि वह अपनी मालीहालत को देखते हुए अपनी तीन बेटियों के भविष्य को लेकर परेशान था।
विगत दोपहर नीमच जिले के पिपरिया व्यास गांव के किसान प्यारेलाल (60) ने फांसी लगा ली। उसके पुत्र देवकरन ने इसका कारण एक राष्ट्रीयकृत बैंक से लिया 2.5 लाख रुपये का कर्ज न चुका पाने का तनाव बताया। पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है। जिला कलेक्टर कौशलेन्द्र विक्रम सिंह ने घटना की मजिस्ट्रेटी जांच का आदेश देने के साथ ही परिवार को 20,000 रुपये तात्कालिक सहायता दी है। इस बीच कांग्रेस की महासचिव और पूर्व सांसद मीनाक्षी नटराजन आज ओड परिवार से मिलने उनके गांव पहुंचीं।
नटराजन ने कहा, ‘‘नेशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक किसान आत्महत्याओं के मामले में महाराष्ट्र के बाद मध्यप्रदेश का ही नंबर आता है। उसका कहना है कि किसान ऐसा कदम कर्ज का बोझ बढ़ने की वजह से उठाते हैं। वे राज्य से अपनी फसलों का उचित मूल्य भी नहीं पाते हैं।’’
मध्यप्रदेश हाल ही में किसानों के एक आंदोलन का गवाह बना जिसमें कर्जमाफी, उपज मूल्य समेत कई मांगें शामिल थीं। मंदसौर जिले में बीते छह जून को उस आंदोलन के दौरान पांच किसान पुलिस फायरिंग में मारे गए थे जो लगातार प्रदेश के कई जिलों में चलाया जा रहा था।
एजेंसी के अनुसार बीते आठ जून से अब तक सिहोर, होसंगाबाद, रायसेन, धार और विदिशा जिलों में 15 किसानों ने आत्महत्या की है।
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