उत्तर प्रदेश ने मुजफ्फरनगर में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) के 4 सदस्यों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस का आरोप है कि ये लोग पिछले महीने 20 दिसंबर को नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ भड़की हिंसा में शामिल थे। मुजफ्फर नगर के अलावा इसी मामले में मेरठ से भी एक गिरफ्तारी हुई है।
बैंकों में जमा हुई है बड़ी रकम
पीएफआई का नाम तब सामने आया जब पुलिस ने देशभर में सीएए के विरोध में भड़की हिंसा की जांच शुरू की। उत्तर प्रदेश पुलिस ने पाया कि पीएफआई के सदस्यों ने भीड़ को भड़काने और हिंसा फैलाने के लिए हापुड़ समेत कई जनपदों में मोटी रकम बैंक में जमा कराई थी। सिटी कोतवाली पुलिस ने पीएफआई के एक सदस्य को पुरानी चुंगी से गिरफ्तार किया है। पुलिस उसके बैंक खातों को खंगाल रही है और अन्य सदस्यों की तलाश कर रही है।
सूत्रों का कहना है कि ईडी की जांच में पता चला था कि हिंसा भड़काने में पीएफआई का हाथ है। ईडी ने अपनी जांच में यह भी पाया कि हिंसा फैलाने के लिए जनपद हापुड़ समेत प्रदेश के कई अन्य जनपदों में भी मोटी रकम इकट्ठा की गई थी। सीएए के विरोध में हजारों की संख्या में सड़कों पर उतरे उपद्रवियों ने जमकर बवाल मचाया था।
पुलिस ने की थी संगठन पर प्रतिबंध की मांग
सूत्रों के मुताबिक पीएफआई के देश भर 73 बैंक खाते हैं। इन खातों में 120 करोड़ रुपये जमा हुए हैं। रविवार को पुलिस ने उपद्रव में शामिल और पीएफआई के सक्रिय सदस्य थाना गढ़मुक्तेश्वर क्षेत्र के गांव अठसैनी निवासी नदीम, फरमान, नफीस, इदरीस और मुर्सलीन को रविवार देर रात गिरफ्तार किया। इन लोगों के पास से सीएए के विरोध में कुछ छपे हुए पर्चे भी बरामद किए गए हैं।
दिसंबर 2019 में, उत्तर प्रदेश पुलिस ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ राज्यव्यापी हिंसक विरोध में पीएफआई की संदिग्ध भूमाका को देखते हुए इस पर प्रतिबंध लगाने की मांग की थी।