न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, झारखंड में जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल (एमजीएम) मेडिकल कॉलेज अस्पताल में पिछले 30 दिनों के अंदर 52 बच्चों की मौत हो चुकी है। जुलाई में भर्ती हुए 546 शिशुओं में से अभी तक 52 शिशुओं की जानें जा चुकी है। इस घटना के बाद अस्पताल के अधीक्षक ने कथित तौर पर बच्चों की मौत का कारण कुपोषण बताया है। इस मामले में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने झारखंड सरकार से छह हफ्ते में रिपोर्ट मांगी है।
NHRC का झारखंड सरकार को नोटिस
राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने जमशेदपुर के महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कॉलेज अस्पताल में एक महीने में 52 बच्चों की मौत के मामले में झारखंड सरकार को नोटिस भेजा है। झारखंड के मुख्य सचिव को जारी हुए नोटिस के मुताबिक आयोग ने मीडिया रिपोर्टों के आधार पर ये पहल की है। आयोग ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय को इस मामले में तत्काल कार्रवाई करने के लिए सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को उचित निर्देश जारी किया है ताकि देश के किसी भी अस्पताल में ऐसी दु:खद घटनाएं न हों।
NHRC उत्तर प्रदेश-छत्तीसगढ़ सरकार को भी भेज चुका है नोटिस
अपने बयान में एनएचआरसी ने यह भी कहा कि वह पहले भी उत्तर प्रदेश और छत्तीसगढ़ सरकारों को इस तरह की घटनाओं पर नोटिस भेज चुका है और दोनों ही सरकारों से मिलने वाली रिपोर्ट्स का इंतजार कर रहा है। एनएचआरसी ने कहा कि रिपोर्ट के मुताबिक, 30 दिनों की अवधि में जमशेदपुर के एमजीएम अस्पताल में 52 बच्चों की मौत हो गई है।
अस्पताल अधीक्षक ने कहा- मौत का कारण कुपोषण
इस मामले में अस्पताल के अधीक्षक ने कथित तौर पर बच्चों की मौत की वजह कुपोषण को बताया है। आयोग ने पाया है कि बड़ी संख्या में बच्चों और शिशुओं की दर्दनाक मौतों का होना चिंता का विषय है। एनएचआरसी ने झारखंड सरकार के मुख्य सचिव को छह सप्ताह में एक रिपोर्ट मांगी है।
गोरखपुर-छत्तीसगढ़ की घटना
गोरखपुर के बाबा राघव दास मेडिकल कॉलेज में ऑक्सीजन के अभाव के कारण 60 से अधिक बच्चों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद देश भर में हड़कंप मच गया था। वहीं, इस घटना के कुछ दिनों बाद छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर के अंबेडकर अस्पताल में ऑक्सीजन संयंत्र ऑपरेटर द्वारा लापरवाही के कारण चार शिशुओं की मौत हो गई थी।