गौर तलब है कि बीती एक अप्रैल को एक समीक्षा मीटिंग में जब यह बात सामने आई कि 1, 513 रुपये के प्रोजेक्ट का अभी केवल 60 फीसदी काम ही हुआ है, जब कि फंड का करीब 90 फीसदी खर्च कर दिया गया है तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले की उच्च स्तरीय जांच का आदेश दिया था।
सीओ गोमतीनगर, सत्यसेन ने आज पीटीआई को आठ इंजीनियरों के खिलाफ एफआईआर की जानकारी दी। उन्होंने बताया, ‘‘ शारदा प्रोजेक्ट के एक इक्जीक्यूटिव इंजीनियर की ओर से गोमतीनगर थाने में प्रोजेक्ट की धनराशि के दुरुपयोग और दूसरे तरह के आर्थिक अनियमितताओं संबंधी रिपोर्ट दर्ज कराई गई थी। विभिन्न धाराओं में आरोपित अधिकारियों में चीफ इंजीनियर और सुपरिंटेंडेंट इंजीनियर हैं।
एसएचओ सुजीत दुबे ने कहा कि हम सबूत इकट्ठा कर रहे हैं। उनकी गिरफ्तारी जल्द ही होगी।
इस मामले में कल राज्यमंत्री गिरीश कुमार यादव ने पीटीआई को बताया था कि कुछ दिन पहले जब रिपोर्ट मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सामने आई तभी उन्होंने स्पष्ट कर दिया था कि जैसा सीबीआई रिपोर्ट के मुताबिक सभी जरूरी कदम उठाए जाएंगे और उचित कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि किसी को भी जुर्म करने वाले को कानून के साथ खिलवाड़ नहीं करने दिया जाएगा और उससे सख्ती से निपटा जाएगा।
एक अप्रैल की मीटिंग में मुख्यमंत्री ने न केवल हाईकोर्ट के एक रिटायर्ड जज से जांच का आदेश दिया, बल्कि मुख्य सचिव राहुल भटनागर को हिदायत दी थी कि एक संवैधानिक समित गठित कर 45 दिन में रिपोर्ट सुनिश्चित करें।