अभी तक आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार की आत्महत्या की गुत्थी सुलझी नहीं थी कि हरियाणा पुलिस के एक सहायक उपनिरीक्षक के सुसाइड ने मामला और पेचीदा कर दिया। एएसआई ने मंगलवार को रोहतक जिले में कथित तौर पर खुद को गोली मार ली।
उन्होंने कथित तौर पर एक 6 मिनट का वीडियो और तीन पेज का सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें दिवंगत आईपीएस अधिकारी वाई पूरन कुमार के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोप लगाए गए हैं। हालांकि, वीडियो और बयान की सत्यता की तत्काल पुष्टि नहीं की जा सकी।
समाचार एजेंसी पीटीआई ने पुलिस सूत्रों के हवाले से बताया कि एएसआई संदीप कुमार (42) ने हेड कांस्टेबल सुशील कुमार की गिरफ्तारी में भूमिका निभाई थी, जो रोहतक जिले में महानिरीक्षक रहे पूरन कुमार का सहयोगी था और पिछले सप्ताह चंडीगढ़ स्थित अपने घर में गोली लगने से घायल अवस्था में पाया गया था।
गौरतलब है कि रोहतक जिला पुलिस कार्यालय के साइबर सेल में तैनात एएसआई का शव रोहतक में लाढौत-धामर रोड पर खेतों में उसके रिश्तेदार के अस्थायी कमरे से बरामद किया गया। बताया जा रहा है कि संदीप कुमार ने अपने मामा के खेतों में ट्यूबवेल की मोटर की सर्विसिंग के लिए बनाए गए कमरे की ऊपरी मंजिल पर अपनी जीवन लीला समाप्त की है।
घटना के बाद परिजन शव को उसी गांव में एक रिश्तेदार के घर ले गए। इस बीच, उनके परिवार ने रोहतक एएसपी प्रतीक अग्रवाल और एसडीएम आशीष कुमार से मुलाकात के बाद प्रशासन को उनका शव सौंपने से इनकार कर दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, "हम उनसे (एएसआई के परिवार से) शिकायत लेने की कोशिश कर रहे हैं ताकि एफआईआर दर्ज की जा सके।"
उन्होंने कहा कि वे परिवार को शव को शवगृह ले जाने के लिए मनाने की भी कोशिश कर रहे हैं।
बता दें कि पुलिस ने अभी तक संदीप कुमार के नोट या वीडियो पर आधिकारिक तौर पर कोई टिप्पणी नहीं की है। रोहतक के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने फ़ोन पर बताया, "संदीप ने खुद को गोली मार ली।"
उनकी कथित आत्महत्या आईपीएस अधिकारी पूरन कुमार की मौत पर बढ़ते विवाद की पृष्ठभूमि में हुई है, जिन्होंने कथित तौर पर एक नोट छोड़ा था जिसमें डीजीपी शत्रुजीत कपूर और रोहतक एसपी नरेंद्र बिजारनिया सहित आठ अधिकारियों पर "जाति-आधारित भेदभाव, लक्षित मानसिक उत्पीड़न, सार्वजनिक अपमान और अत्याचार" का आरोप लगाया गया था।
सरकार ने डीजीपी शत्रुजीत कपूर को छुट्टी पर भेज दिया है, जबकि बिजारनिया का पिछले सप्ताह तबादला कर दिया गया था और उनकी जगह एस एस भोरिया को रोहतक का एसपी नियुक्त किया गया था।
इस बीच, रोहतक पुलिस ने बताया कि उन्हें सूचना मिली है कि एएसआई संदीप कुमार ने अपनी सर्विस पिस्तौल से खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है। एक अधिकारी ने कहा, "शव के पास एक सुसाइड नोट मिला है। इसके अलावा, संदीप कुमार ने कथित आत्महत्या से पहले एक वीडियो भी रिकॉर्ड किया था, जिसकी पुलिस जांच कर रही है।"
घटनास्थल पर पत्रकारों से बात करते हुए, रोहतक के पुलिस अधीक्षक एसएस भोरिया ने कहा, "एएसआई संदीप हमारे विभाग में बहुत मेहनती और ईमानदार व्यक्ति थे। हमें सूचना मिली थी कि एक शव मिला है, जिसके बाद हम यहाँ पहुँचे।"
वीडियो और नोट के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "इस समय कुछ भी कहना मुश्किल है। फोरेंसिक टीम जाँच कर रही है।"
वीडियो में, संदीप कुमार ने कथित तौर पर पूरन कुमार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानी भगत सिंह ने भी बलिदान दिया और एक कठिन रास्ता अपनाया, जिसके बाद देश जागा। उन्हें कथित तौर पर यह कहते हुए सुना जा सकता है कि "और आज, यह देश तब जागेगा जब हम सत्य के मार्ग पर अपना बलिदान देंगे।"
उन्होंने दावा किया कि "ईमानदार अधिकारी" नरेंद्र बिजारनिया ने पूरन कुमार का सामना किया था। वीडियो और कथित सुसाइड नोट में संदीप ने यह भी मांग की कि एक "जांच अवश्य की जानी चाहिए", जिसमें वाई पूरन कुमार और उनके परिवार के सदस्यों की संपत्ति की जांच की जाए।
हाल ही में पूरन कुमार का नाम रिश्वत कांड में सामने आया था। रोहतक के एक शराब ठेकेदार ने हेड कांस्टेबल सुशील कुमार के खिलाफ रिश्वतखोरी का मामला दर्ज कराया है। उन्होंने आरोप लगाया है कि सुशील कुमार ने पूरन कुमार के नाम पर (जब वह वहां तैनात थे) 2.5 लाख रुपये की रिश्वत मांगी थी।
सुशील कुमार को हाल ही में गिरफ्तार किया गया था। 52 वर्षीय पूरन कुमार को हाल ही में रोहतक के सुनारिया स्थित पुलिस प्रशिक्षण केंद्र (पीटीसी) में महानिरीक्षक के पद पर तैनात किया गया था।
इस बीच, रोहतक पुलिस ने कहा कि वे दुख की इस घड़ी में एएसआई के परिवार के साथ हैं और उन्होंने जनता से शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखने की अपील की।
पुलिस सूत्रों ने बताया कि एएसआई संदीप कुमार के तीन बच्चे और पांच बहनें हैं। जुलाना में रहने वाले उनके रिश्तेदार शीशपाल ने बताया कि संदीप समाज के लिए काफी काम करते थे और सक्रिय रक्तदाता थे। उन्होंने कहा कि वह एक ईमानदार अधिकारी थे।