झारखंड में रांची के बिरसा जैविक उद्यान में शुक्रवार को एक बाघ, शिवा की मौत हो गई। मौत के बाद जू में हड़कंप है। कोरोना की आशंका है। मौत के बाद उसे वहां के कर्मियों ने पूरी सावधानी के साथ किट और ग्लब्स पहनकर उसका निबटारा किया। कोरोना की आशंका समाधान के लिए उसके खून के नमूने को जांच के लिए बरेली वेटनरी रिसर्च इंस्टीट्यूट भेज दिया गया है। बिरसा जैविक उद्यान के पशु चिकित्सक डॉ ओम प्रकाश लगातार उसकी चिकित्सा में लगे हुए थे।
जब वह तीन साल का था उसी समय उसे बेंगलुरू के मनरघटा जैविक उद्यान से लाया गया था। इस तरह उसकी उम्र कोई 12-13 साल की थी। वह पिछले कुछ दिनों से बीमार चल रहा था। सूत्रों के अनुसार बुखार और संक्रमण का शिकार था। एक दिन पहले उसने खाना भी बंद कर दिया था। चिकित्सकों की राय से उसे लिक्विड डायट पर रखा गया था।
बीते माह आंध्रप्रदेश के जू में आठ बाघों के कोरोना संक्रमित होने खबर आई थी। उसे देखते हुए जैविक उद्यान प्रशासन को भी शिवा को कोरोना होने की आशंका हुई। उसका आरटीपीसीआर कराया गया, रिपोर्ट निगेटिव था। हां ब्लड जांच में उसका लीवर और किडनी खराब होने की जानकारी मिली। रांची और जमशेदपुर के पशु चिकित्सकों को बुलाकर परामर्श लिया गया। मगर शिवा को बचाने की तमाम कोशिशें बेकार गईं। जू प्रशासन को चिंता है कि अगर शिवा को कोरोना निकला तो दूसरे जानवरों को खतरा हो सकता है। शिवा की मौत के बाद जू में अभी भी नौ बाघ हैं।