झारखंड के पाकुड़ में सामाजिक कार्यकर्ता स्वामी अग्निवेश के साथ मारपीट की घटना सामने आई है। कथित तौर पर भाजपा युवा मोर्चा के कार्यकर्ताओं ने मंगलवार को झारखंड के पाकुड़ में उनके साथ हाथापाई की है।
समाचार एजेंसी एएनआई के मुताबिक, स्वामी अग्निवेश एक कार्यक्रम में शामिल होने पाकुड़ पहुंचे थे। जहां कथित तौर पर भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने उनके साथ मारपीट की है। बताया जा रहा है कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके यहां आने का विरोध किया और उनको काले झंडे भी दिखाए। राज्य के मुख्यमंत्री रघुवर दास ने मामले की जांच के आदेश दे दिए हैं।
स्वामी अग्निवेश यहां पहाड़िया सम्मेलन में हिस्सा लेने आए थे। अग्निवेश के दौरे का विरोध कर रहे भाजयुमो कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया कि ये ईसाई मिशनरी के इशारे पर आदिवासियों को भड़काने आए हैं।
भाजपा प्रवक्ता पी शाहदेव ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि मारपीट करने के आरोपी उनकी पार्टी के नहीं हैं। उन्होंने कहा, “वे हमारी पार्टी के कार्यकर्ता नहीं थे। हम इसकी निंदा करते हैं लेकिन उनका (अग्निवेश) ट्रैक रिकॉर्ड ऐसा है कि इस प्रतिक्रिया पर हैरानी नहीं होती है। पाकुड़ हाल ही में धर्मातंरण के लिए खबरों में है।”
अग्निवेश के कई विवावित बयानों की वजह से अमूमन भाजपा शासित प्रदेशों में उनका विरोध आम है। इससे पहले मई, 2011 में गुजरात के अहमदाबाद में एक जनसभा के दौरान स्वामी अग्निवेश के साथ एक संत ने दुर्व्यवहार किया था। जनसभा के दौरान संत ने स्वामी अग्निवेश को थप्पड़ मारा। संत की पहचान महंत नित्यानंद दास के रूप में हुई थी।
दरअसल अमरनाथ में शिवलिंग के बारे में अग्निवेश द्वारा दिए गए बयान से वह संत नाराज था। हालांकि उसे बाद में गिरफ्तार कर लिया गया था।
स्वामी ने कहा था अकि अमरनाथ यात्रा पाखंड और अंधविश्वास है। अमरनाथ गुफा में बनने वाला शिवलिंग बर्फ का पुतला मात्र है, जिसे भूगोल की भाषा में स्टैलेक्टाइड कहते हैं। अपने बयान के पक्ष में अग्निवेश ने कहा कि महर्षि दयानंद सरस्वती ने भी अमरनाथ यात्रा को छलावा बताया था।