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मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर, महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ से वाहनों के आवाजाही पर प्रतिबंध की तैयारी

मध्यप्रदेश के कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद इस पर काबू पाने के तमाम उपायों के बीच...
मध्यप्रदेश में कोरोना का कहर, महाराष्ट्र के बाद अब छत्तीसगढ़ से वाहनों के आवाजाही पर प्रतिबंध की तैयारी

मध्यप्रदेश के कोरोना की दूसरी लहर की चपेट में आने के बाद इस पर काबू पाने के तमाम उपायों के बीच मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने आज कहा कि महाराष्ट्र के बाद अब काेरोना से प्रभावित छत्तीसगढ़ से भी मध्यप्रदेश में वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने का विचार किया जा रहा है।

चौहान ने यहां मीडिया से चर्चा में कहा कि वे पूर्ण लॉकडाउन के पक्ष में नहीं है। गरीबों की रोजीरोटी और आर्थिक गतिविधियां चलने देना है। लेकिन सरकारी स्तर पर कोरोना का प्रकोप रोकने में कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। इसके लिए लोगों को सबसे ज्यादा जरुरत जागरुक करने की है और वे स्वयं भी कल सोमवार को भोपाल की सड़कों पर निकलकर आमजन से फेस मॉस्क का उपयोग करने का आह्वान करेंगे।

उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में कोरोना के मामले काफी बढ़ रहे हैं। इसलिए वहां से आने जाने वाले वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगाने पर विचार किया जा रहा है। महाराष्ट्र के संबंध में इस तरह के प्रतिबंध पहले से ही लागू हैं।

चौहान ने कहा कि कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सरकार जन जागरुकता के कार्य पर निरंतर जोर दे रही है। इस क्रम में वे 5 अप्रैल को भोपाल शहर की सड़कों पर निकलकर वाहन द्वारा उद्घोषणा करते हुए आमजन को फेस मास्क का उपयोग करने के लिए प्रेरित करेंगे।

उन्होंने कहा कि राज्य सरकार कोरोना को काबू में करने के लिए तीन मोर्चों पर सक्रिय है। सबसे महत्वपूर्ण आम जनता द्वारा फेस मास्क का उपयोग, दूसरा सोशल डिस्टेंसिंग का समुचित पालन और तीसरा बेहतर उपचार व्यवस्था और टीकाकरण। मुख्यमंत्री ने बताया कि वे प्रतिदिन इन सभी कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि आम जनता को भी इस लड़ाई में जुड़ना पड़ेगा। कोरोना का बढ़ता संक्रमण एक चुनौती है। इससे निपटने के लिए आम जनता का उत्साह बढ़ाएंगे। जो व्यक्ति फेस मास्क का उपयोग कर रहे हैं, उन्हें प्रोत्साहित करेंगे और जो फेस मास्क का उपयोग नहीं कर रहे हैं, उन्हें समझाने का प्रयास होगा।

चौहान ने एक सवाल के जवाब में स्पष्ट करते हुए कहा कि अधिक संक्रमित सीमावर्ती प्रांतों से सामान्य आवाजाही रोकने पर विचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र के बाद छत्तीसगढ़ में कोरोना संक्रमण के मामले अधिक आ रहे हैं। छत्तीसगढ़ से मध्यप्रदेश आने वाले लोगों की सामान्य आवाजाही बंद करने पर विचार किया जा रहा है। इन राज्यों से आवश्यक कार्यों से आने-जाने वालों पर प्रतिबंध नहीं होगा, लेकिन उनकी चिकित्सा जांच के बाद उन्हें आइसोलेशन में रखने की व्यवस्था होगी। यह संक्रमण रोकने में मददगार उपाय होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे लम्बा लॉकडाउन नहीं चाहते हैं लेकिन वर्तमान में जिन नगरों में रविवार को लॉकडाउन की व्यवस्था है, वह जारी रहेगी। छिंदवाड़ा और बैतूल जिले जहां संक्रमण अधिक है, वहां दो अथवा तीन दिन का लॉक डाउन किया गया है। पूरे प्रदेश में लॉक डाउन लागू नहीं होगा। गरीबों की रोजी-रोटी चलना चाहिए।

चौहान ने कहा कि फेस मास्क के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए कुछ स्लोगन लोकप्रिय हो सकते हैं। जैसे "मास्क नहीं तो बात नहीं" और "मास्क नहीं तो सामान नहीं" का पालन उपभोक्ता और दुकानदार दोनों ही करेंगे और मास्क के माध्यम से संक्रमण को रोकने के इस महत्वपूर्ण उपाय का महत्व लोगों को बताया जाएगा। मुख्यमंत्री चौहान ने कहा कि उन्हें विश्वास है कि नागरिक आत्मानुशासन से सुरक्षित रहेंगे। कोरोना को नियंत्रित करेंगे।


चौहान ने कहा कि राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों का कोरोना संक्रमण को समाप्त करने में सहयोग लेने के लिए आह्वान किया गया है। प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस सहित अन्य दल आम जनता के हित में संक्रमण को रोकने में सहयोगी बनें और जन जागरण अभियान में भागीदारी करें।

चौहान ने कहा कि प्रदेश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। भारत सरकार से पर्याप्त डोज प्राप्त हुए हैं। कुछ जिलों ने वैक्सीनेशन के लक्ष्य में डेढ़ गुना और दो गुना उपलब्धि अर्जित कर दिखाई है। जिलों में आवश्यक व्यवस्था और कोविड केयर सेंटर भी कार्य करते रहेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि निश्चित ही हम मिले-जुले प्रयासों से विजयी होंगे और कोरोना परास्त हो जाएगा।

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