गौरतलब है कि 29 अप्रैल को ऐसी ही एक घटना पंजाब के मोगा जिले में भी सामने आई थी। जिसमें ऑर्बिट बस सर्विस की चलती बस में 13 वर्षीय लड़की के साथ छेड़छाड़ की गई और विरोध करने पर उसे और उसकी मां को बस से नीचे फेंक दिया गया। लड़की की मौके पर ही मौत हो गई थी,जबकि उसकी मां गंभीर रूप से घायल हो गई थी। यह बस ऑर्बिट एवियेशन्स की थी और यह कंपनी पंजाब के मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल के संबंधियों की है। इसके बाद राजनीतिक तौर पर यह मामला काफी उछला। मोगा कांड अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि मुक्तसर में यह मामला सामने आ गया। मुक्तसर वाला मामला इस संदर्भ में मायने रखता है कि यह मुख्यमंत्री प्रकाश सिंह बादल का इलाका है।
इस वारदात के बाद जब इन बहनों का परिवार मामला दर्ज कराने के लिए थाने पहुंचा तो पुलिस ने मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। पुलिस ने मीडिया में जाने का हवाला देकर थाने से जाने को कहा। इन बहनों ने मीडिया को बताया कि पुलिस वालों का कहना था कि पहले भी आप लोग मीडिया में गए थे, अब भी मीडिया में ही जाएं। पुलिस ने बस कंड्कटर के खिलाफ मामला दर्ज करने से इंकार कर दिया। पीड़ित बहनों के पिता ने कहा कि हालात ऐसे ही रहे तो हम अपनी लड़कियों को पढ़ने के लिए भी नहीं भेज सकते । ये दोनों बहनें बस से अकेले यात्रा कर रही थीं। ये अपने घर से मुक्तसर अपने आधार कार्ड लेने जा रही थीं। इन्होंने मीडिया को बताया कि जैसे ही बस मुक्तसर के लिए चली कंडक्टर ने उनपर फब्तियां कसनी शुरू कर दीं.
उधर पुलिस ने मीडिया को अभी तक बस के बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। न तो बस का रजिस्ट्रेशन नंबर बताया और न ही अकाली नेता के नाम का खुलासा किया है।