पश्चिम बंगाल विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष शुभेंदु अधिकारी और देश के सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता की मुलाकात तूल पकड़ती जा रही है। तृणमूल कांग्रेस ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर एसजी तुषार मेहता को हटाने की मांग की है। इससे पहले शुभेंदु अधिकारी ने गुरुवार को राजधानी दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की थी। इसके बाद उन्होंने भारत के सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से भी मुलाकात की। हालांकि बंगाल की सत्तारूढ़ पार्टी तृममूल कांग्रेस को मेहता से अधिकारी की मुलाकात रास नहीं आई, जिसके बाद पार्टी के सांसदों ने इसके विरोध में सबसे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को चिट्ठी लिखी और भारत के सॉलिसिटर जनरल के पद से तुषार मेहता को हटाने का अनुरोध किया।
टीएमसी ने एसजी मेहता और भाजपा नेता शुभेंदु अधिकारी के बीच बैठक को 'हितों का टकराव' बताया है। इसके साथ ही पत्र में अधिकारी को विभिन्न आपराधिक मामलों में आरोपी भी बताया गया है।
दरअसल, टीएमसी ने आरोप लगाया है कि देश के दूसरे सबसे बड़े लॉ अफसर ने पद की गरिमा को दागदार किया है। सीबीआई और ईडी जिस शुभेंदु अधिकारी के खिलाफ कई केसों में जांच कर रही है, उसी केस के विशेष अधिकारी आरोपी से मुलाकात कर रहे हैं। आरोपी को सजा दिलाने के लिए अदालत में लगातार पैरवी कर रहे सबसे बड़े लॉ अफसर से आरोपी की मुलाकात केस को प्रभावित करने की साजिश भी हो सकती है। तृणमूल कांग्रेस ने मांग किया है कि सॉलिसीटर जनरल के आवास का सीसीटीवी फुटेज सामने आना चाहिए।
तृणमूल कांग्रेस की एमपी महुआ मोइत्रा और सुखेंदु शेखर रॉय ने राष्ट्रपति को भेजे गए पत्र में बताया है कि 1 जुलाई को गृहमंत्री अमित शाह से मिलने के बाद शुभेंदु अधिकारी सीधे सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता के घर पहुंचे। मीडिया में इससे संबंधित तमाम खबरें हैं। वह आधा घंटा तक रहे।
टीएमसी का कहना है कि शुभेंदु अधिकारी नारदा केस के आरोपी हैं। यह केस सीबीआई और ईडी देख रही है। इस मामले में शुभेंदु अधिकारी कैमरे के सामने घूस लेते पकड़े गए हैं। यह वीडियो पब्लिक प्लेटफार्म पर है। एसजी तुषार मेहता इस केस में सीबीआई के वकील के रूप में सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट में पेश होते हैं। इसी तरह शारदा चिट फंड केस के मुख्य आरोपी सुदीप्तो सेन ने शुभेंदु अधिकारी पर लिखित बयान और पत्र में बड़े आरोप लगाए हैं। यह केस भी सीबीआई के हवाले है। इस केस में भी सीबीआई की ओर से तुषार मेहता ही आरोपियों के खिलाफ अदालत में सबूत पेश करते हैं।