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पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू के कई हिस्सों में 'लॉकडाउन' जैसे हालात

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को जम्मू क्षेत्र के कई हिस्सों में पूर्ण बंद रहा।...
पहलगाम आतंकी हमले के बाद जम्मू के कई हिस्सों में 'लॉकडाउन' जैसे हालात

पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले के विरोध में बुधवार को जम्मू क्षेत्र के कई हिस्सों में पूर्ण बंद रहा। जम्मू शहर के अलावा रियासी, उधमपुर, कटरा, कठुआ और सांबा में भी बंद रहा।

जम्मू शहर के कई हिस्सों में विरोध प्रदर्शन हुए और कई प्रदर्शनकारियों ने पाकिस्तान विरोधी नारे लगाए।

वरिष्ठ भाजपा नेता युद्धवीर सेठी ने यहां संवाददाताओं से कहा, "हम सर्जिकल स्ट्राइक की तर्ज पर पाकिस्तान को मुंहतोड़ जवाब देना चाहते हैं ताकि वहां आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया जा सके। हम चाहते हैं कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवादियों और उनके समर्थकों का सफाया हो।"

उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान आतंकवाद को समर्थन देना कभी बंद नहीं करेगा और उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जानी चाहिए। एक अन्य भाजपा नेता राजेश गुप्ता ने कहा, "हम हत्याओं का बदला लेना चाहते हैं। सुरक्षा बलों को बदला लेना चाहिए।"

रियासी में सैकड़ों लोगों ने विरोध स्वरूप मार्च निकाला और टायर जलाए।

बंद के कारण जम्मू शहर में सामान्य जनजीवन ठप्प हो गया। कई नागरिक समाज समूहों और व्यापार निकायों द्वारा आहूत बंद के कारण दुकानें और व्यापारिक प्रतिष्ठान बंद रहे तथा सार्वजनिक परिवहन सड़कों से नदारद रहा।

कई शैक्षणिक संस्थान बंद रहे और सरकारी दफ्तरों में भी आम दिनों की तुलना में उपस्थिति कम रही। जम्मू बार एसोसिएशन ने भी हत्याओं के विरोध में बंद रखा। जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री (जेसीसीआई), विश्व हिंदू परिषद (विहिप), ट्रांसपोर्टर्स एसोसिएशन, जम्मू बार एसोसिएशन और कांग्रेस सहित कई संगठनों ने जम्मू में पूर्ण बंद का आह्वान किया।

एक अधिकारी ने कहा, "बंद के दौरान स्थिति सामान्य है। क्षेत्र में कहीं से भी किसी अप्रिय घटना की कोई खबर नहीं है।"

प्रशासन सद्भाव बनाए रखने के लिए समुदाय के नेताओं के साथ निकट संपर्क में है। अधिकारियों ने बताया कि संवेदनशील स्थानों पर पुलिस और अर्धसैनिक बलों की अतिरिक्त तैनाती की गई है, जबकि आवाजाही पर नजर रखने के लिए चौकियां स्थापित की गई हैं।

पहलगाम में हुई हत्याओं ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है तथा राजनीतिक दलों, मानवाधिकार समूहों और नागरिकों ने इसकी निंदा की है। कई लोगों ने इस हमले को कश्मीरियत की भावना और क्षेत्र की आतिथ्य की सदियों पुरानी परंपरा पर एक जघन्य हमला करार दिया।

जम्मू-कश्मीर के पूर्व डीजीपी एसपी वैद ने इसे भारत के लिए "पुलवामा 2 क्षण" करार दिया।

उन्होंने कहा, "यह हमला महज संयोग नहीं है, यह एक सुनियोजित अभियान है। मैंने पहले भी कहा है... ये पाकिस्तान के एसएसजी कमांडो हैं जो आतंकवादियों की वर्दी में हैं। कुछ दिन पहले पाकिस्तान के सेना प्रमुख असीम मुनीर ने एक बयान दिया था और अब आप इस तरह का हमला देख रहे हैं।"

पूर्व पुलिस प्रमुख ने आगे कहा, "असीम मुनीर 'जिहाद' की भाषा का इस्तेमाल कर रहे हैं; हमला भी इसी तरह से किया गया है। जवाब वैसा ही होना चाहिए जैसा हमास के हमले के बाद इजरायल ने किया था। उचित जवाब होना चाहिए।" आतंकवादियों ने मंगलवार दोपहर दक्षिण कश्मीर के पहलगाम शहर के पास एक घास के मैदान में गोलीबारी की, जिसमें 26 लोग मारे गए-ज्यादातर पर्यटक थे- जिसे 2019 में पुलवामा हमले के बाद घाटी में सबसे घातक हमला बताया जा रहा है।

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