सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री की निंदा करने पर हाल ही में श्रम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को निलंबित करने का मामला अभी ठंडा भी नहीं हुआ था कि इसी तरह का एक और मामला सामने आया है। अब मुख्यमंत्री और उप मुख्यमंत्री पर वाट्सअप ग्रुप में जातिसूचक टिप्पणी करने को लेकर सचिवालय का एक निजी सचिव फंस गया है। सचिवालय प्रशासन की ओर से मामले को गंभीरता से लेते हुए निजी सचिव के खिलाफ चार्जशीट जारी कर दी गई है।
दरअसल, गोरखपुर विश्वविद्यालय में हाल ही में असिस्टेंट प्रोफेसरों की भर्ती की गई थी। इसमें दो जातियों की भर्ती ज्यादा होने को लेकर नियुक्ति से जुड़ा पत्र कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा था। इसी मैसेज को अपर निजी सचिव संवर्ग के वॉट्सएप ग्रुप में निजी सचिव अमर सिंह पटेल ने जाति विशेष का चयन होने का दावा करते हुए पोस्ट किया था।
सीएम के लिए ‘ठाकुर’ और डिप्टी सीएम के लिए ‘पंडित’ शब्द का इस्तेमाल
इसमें उन्होंने मुख्यमंत्री के लिए ‘ठाकुर’ और उप मुख्यमंत्री के लिए ‘पंडित’ शब्द का इस्तेमाल किया है। इस बाबत ओबीसी और दलितों के लिए दरवाजे बंद होने की बात कही है। उन्होंने संख्या भी बताई है कि 71 पदों में से 52 पर ऐसी नियुक्तियां की गई हैं।
मैसेज वायरल होने पर मचा हड़कंप
साथ ही, रामराज्य और जातिवाद खत्म करने जैसे तंज भी किए हैं। बुधवार को यह मैसेज कई मोबाइल फोन से होते हुए जब शासन के शीर्ष अधिकारियों तक पहुंचा तो हड़कंप मच गया। मुख्यमंत्री कार्यालय से भी इसे लेकर नाराजगी जताई गई और पटेल पर कर्मचारी नियमावली के तहत कार्रवाई के निर्देश दिए गए।
निजी सचिव के खिलाफ जारी किया गया आरोप-पत्र
मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले निर्देश के बाद सचिवालय प्रशासन में देर शाम तक अधिकारी कार्रवाई की तैयारी करते रहे। अपर मुख्य सचिव सचिवालय प्रशासन महेश कुमार गुप्ता ने बताया कि निजी सचिव को आरोप पत्र जारी कर दिया गया है।