सुरक्षा बलों के साथ हुई मुठभेड़ में एक आतंकवादी मारा गया, जबकि सुरक्षाबलों की कार्रवाई का विरोध कर रहे तीन स्थानीय युवकों की गोली लगने से मौत हो गई थी।
वहीं, रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल राजेश कालिया ने यहां संवाददाताओं से कहा कि बडगाम जिले के चादूरा इलाके के दरबग गांव में एक घर में छिपे आतंकवादी के मारे जाने के साथ ही मुठभेड़ खत्म हो गई। उन्होंने कहा, ‘मारे गए आतंकवादी और उसका हथियार मुठभेड़ स्थल से बरामद कर लिया गया है’।
अधिकारी ने बताया कि मुठभेड़ में आम नागरिकों की मौत के विरोध में अलगाववादियों द्वारा आहूत हड़ताल के मद्देनजर घाटी में जनजीवन प्रभावित हो गया है। इस तरह की स्थिति को देखते हुए कश्मीर विश्वविद्यालय, केंद्रीय विश्वविद्यालय कश्मीर और इस्लामिक यूनिवर्सिटी ऑफ साइंस एंड टेक्नोलॉजी ने आज होने वाली परीक्षाएं स्थगित कर दी हैं।
अधिकारियों ने बताया कि श्रीनगर में आज हड़ताल के कारण ज्यादातर दुकानें, कारोबारी प्रतिष्ठान, पेटोल पंप और शहर के शैक्षणिक संस्थान बंद रहे। उन्होंने बताया कि सरकारी वाहन भी सड़कों से नदारद रहे, जबकि शहर के कुछ इलाकों में निजी कारें, कैब और ऑटो-रिक्शा चलते दिखे। वहीं, घाटी के अन्य जिला मुख्यालयों में इसी प्रकार के बंद की खबरें मिली हैं।
अधिकारी ने कहा कि मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा जैसे संवेदनशील इलाकों में कानून व्यवस्था बरकरार रखने के लिये अतिरिक्त सुरक्षा बल तैनात किए गए हैं।
करीब 10 घंटे तक चली इस मुठभेड़ के दौरान पथराव में 43 सीआरपीएफ के जवान और 20 पुलिसकर्मी भी घायल हुए हैं। मारे गए प्रदर्शनकारियों की पहचान जाहिद डार, सादिक अहमद और इशफाक अहमद वानी के रूप में हुई है। इन सभी की उम्र 20 साल के आसपास है। यह सभी सुरक्षा बलों की कार्रवाई का विरोध कर रहे थे। सुरक्षा बलों की फायरिंग में तीनों गंभीर रूप से घायल हो गए और इन्होंने बाद में अस्पताल में दम तोड़ दिया।
हुर्रियत धड़ों के प्रमुख सैयद अली शाह गिलानी और मीरवाइज उमर फारक और जेकेएलएफ प्रमुख मोहम्मद यासीन मलिक ने मंगलवार को लोगों से मौत के विरोध में हड़ताल की अपील की थी। अलगाववादियों ने लोगों से शुक्रवार की नमाज के बाद विरोध प्रदर्शन करने के लिये भी कहा है। भाषा