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शशिकला के भतीजे दिनाकरन के खिलाफ प्रस्ताव, AIADMK के दो गुटों का विलय संभव

एआईएडीएमके (अम्मा) के सत्तारूढ़ पलानीसामी गुट और ओ पनीरसेल्वम गुट के विलय होने के कयास और तेज हो गए हैं।
शशिकला के भतीजे दिनाकरन के खिलाफ प्रस्ताव, AIADMK के दो गुटों का विलय संभव

तमिलनाडु की राजनीति में नया मोड़ आया है। एआईएडीएमके (अम्मा) के सत्तारूढ़ पलानीसामी गुट और ओ पनीरसेल्वम गुट के विलय होने की खबरों के बीच मुख्यमंत्री पलानीसामी गुट ने पार्टी के उप-महासचिव और शशिकला के भतीजे टीटीवी दिनाकरन के खिलाफ प्रस्ताव पास किया है, जिसमें कहा गया कि उनके द्वारा की गई नियुक्तियां अवैध हैं और पार्टी के नियमों के खिलाफ हैं।

बता दें कि ओ पनीरसेल्वम गुट की मांग थी कि विलय से पहले शशिकला और उसके परिवार के लोगों को पार्टी से निकाला जाए और जे जयललिता की मौत की जांच कराई जाए। सत्तारूढ़ पलानीसामी गुट ने दिनाकरन के खिलाफ इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर किया है लेकिन दिनाकरन को पार्टी से निकाला नहीं गया है। पूरी तरह से तो नहीं लेकिन यह मांगों को मानने की दिशा में पहला कदम माना जा सकता है।

बता दें कि दिनाकरन को उनकी चाची शशिकला ने उप-महासचिव बनाया था। शशिकला फिलहाल जेल में हैं। इस साल जून में ही दिनाकरन को एक चुनाव अधिकारी को घूस दिए जाने के मामले में बेल मिली है।

सत्तारूढ़ गुट के सूत्रों के मुताबिक इस फैसले के बाद दिनाकरन सरकार के खिलाफ जा सकते हैं क्योंकि फिलहाल सरकार में 123 विधायक है। सरकार चलाने के लिए कम से कम 118 विधायकों की जरूरत होगी। शशिकला के समर्थक विधायकों की संख्या 37 हैं। ऐसे में एआईएडीएमके के पास बीजेपी के पास वापस जाने का विकल्प है।

उप-मुख्यमंत्री बन सकते हैं पनीरसेल्वम

एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक मुख्यमंत्री ई पलानीसामी की अगुआई वाले एक धड़े ने चेन्नई में पार्टी मुख्यालय में मुलाकात की। इसके बाद कयास लगाए जा रहे हैं कि पूर्व मुख्यमंत्री ओ पन्नीरसेल्वम के नेतृत्व वाले धड़े से उनकी बातचीत अंतिम चरण में है। पलानीसामी और पन्नीरसेल्वम जल्द ही मिलकर साथ मामले को अंतिम रूप दे सकते हैं। रिपोर्ट के मुताबिक अगर दोनों साथ आए तो पन्नीरसेल्वम डिप्टी सीएम बन सकते हैं।

एनडीए में वापसी कर सकती है एआईएडीएमके

गौरतलब है कि इससे पहले खबरें यह भी आ रही थीं कि एआईएडीएमके बीजेपी से हाथ मिला सकती है। टेलीग्राफ की रिपोर्ट में कहा गया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने मंत्रिमंडल में जल्द ही फेरबदल कर सकते हैं और उससे पहले एआईएडीएमके एनडीए मे शामिल हो जाएगी। एआईएडीएमके के कुछ नेताओं को मोदी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से लिखा था कि बीजेपी 2019 के लोक सभा चुनाव से पहले एआईएडीएमके को अपने साथ लाना चाहती है। संसद के दोनों सदनों को मिलाकर एआईएडीएमके के कुल 50 सांसद हैं। कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी और बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह दोनों चाहते हैं कि दक्षिण भारत की सबसे बड़ी पार्टी उनके साथ आए। एआईएडीएमके पहले भी 1999 में अटल बिहारी वाजपेयी सरकार का हिस्सा रह चुकी है।

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