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दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब स्तर पर बरकरार, 72 घंटों का नया फोरकास्ट सिस्टम लॉन्च

दिल्ली में हवा गुणवत्ता हवा की गति में गिरावट के साथ मंगलवार को लगातार चौथे दिन भी खराब रही।...
दिल्ली में वायु की गुणवत्ता खराब स्तर पर बरकरार, 72 घंटों का नया फोरकास्ट सिस्टम लॉन्च

दिल्ली में हवा गुणवत्ता हवा की गति में गिरावट के साथ मंगलवार को लगातार चौथे दिन भी खराब रही। अधिकारियों ने आशंका जताई कि यह अभी और खराब हो सकती है। केंद्र संचालित वायु गुणवत्ता और मौसम पूर्वानुमान एवं अनुसंधान प्रणाली (सफर) के अनुसार सोमवार को शाम 4 बजे राजधानी का कुल वायु गुणवत्ता सूचकांक (ए क्यू आई) 218 दर्ज किया गया जो खराब श्रेणी में आता है।

रविवार को ए क्यू आई 201 था, जबकि शनिवार को शाम 4 बजे यह 300 था जो खराब श्रेणी में आता है और यह अत्यंत खराब श्रेणी से महज एक बिंदु कम रहा। दिल्ली के पास गुरुग्राम और फरीदाबाद दोनों जगह वायु गुणवत्ता खराब रही। आंकड़ों के अनुसार दिल्ली में प्रदूषक तत्व 10 का स्तर 205 तथा प्रदूषक तत्व 2.5 का स्तर 106 दर्ज किया गया।

ये है बड़ी वजह

नासा की उपग्रह तस्वीरों से पता चलता है कि पंजाब और हरियाणा में किसानों ने इस महीने के शुरू में पराली जलाना शुरू किया है। नासा ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि पंजाब और हरियाणा में पिछले 10 दिनों में, खासकर अमृतसर, अम्बाला, करनाल, सिरसा और हिसार में तथा इनके आसपास के क्षेत्रों में पराली जलाए जाने का स्तर बढ़ा है।

आपातकालीन योजना लागू

दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण से निपटने के लिए एक आपातकालीन योजना सोमवार को लागू की गई जिसमें मशीनों से सड़कों की सफाई और इस क्षेत्र के भीड़भाड़ वाले इलाकों में वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए यातायात पुलिस की तैनाती जैसे उपाय शामिल होंगे।

समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट से अधिकार प्राप्त पर्यावरण प्रदूषण (रोकथाम एवं नियंत्रण) प्राधिकरण की एक सदस्य अनुमिता रायचौधरी ने कहा कि ‘ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान’ (जीआरएपी) के तहत जनरेटरों के इस्तेमाल पर पाबंदी लगाई गई है लेकिन इन पर एनसीआर में पाबंदी नहीं होगी क्योंकि क्षेत्र में बिजली आपूर्ति की स्थिति अच्छी नहीं है।

वायु प्रदूषण से निपटने के लिए इस योजना को लागू किया गया है। प्रदूषण का स्तर ‘बहुत खराब’ श्रेणी की तरफ जाना शुरू हो गया है।

आपातकालीन योजना के तहत, शहर की वायु गुणवत्ता के आधार पर ठोस कदम लागू किये गये हैं।

फिलहाल, वायु गुणवत्ता ‘खराब’ श्रेणी में है जिसके कारण मशीनों से सड़कें साफ करने, कूड़ा जलाने पर पाबंदी, ईंट भट्टों पर प्रदूषण नियंत्रण उपाय और वाहनों के सुचारू आवागमन के लिए पुलिसकर्मियों की तैनाती दिल्ली-एनसीआर क्षेत्र में लागू है।

केन्द्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के एक अधिकारी ने कहा कि अगर वायु प्रदूषण की स्थिति और बिगड़कर ‘बहुत खराब श्रेणी’ में जाती है तो पार्किंग शुल्क तीन-चार गुना बढाने तथा मेट्रो तथा बसों के फेरे बढाने जैसे अतिरिक्त उपाय किये जाएंगे।

अगर वायु गुणवक्ता ‘गंभीर श्रेणी’ में चली जाती है तो सड़कों पर पानी का बार बार छिड़काव और ज्यादा धूल वाले मार्गों की पहचान जैसे उपाय लागू होंगे।

इसके बाद भी, अगर वायु गुणवक्ता ‘‘गंभीर से अधिक’’ श्रेणी में चली जाती है तो दिल्ली में ट्रकों का प्रवेश रोकने, निर्माण क्रियाकलापों पर रोक तथा अन्य कदमों पर फैसला करने के लिए कार्यबल की नियुक्ति जैसे उपाय किये जाएंगे।

जीआरएपी के अलावा, प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने दिल्ली-एनसीआर में 41 टीमें गठित की हैं जो प्रदूषण रोकने के लिए लागू नियमों के उचित क्रियान्वयन की निगरानी करेंगी।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि 11 अक्टूबर तक, इन टीमों ने दिल्ली-एनसीआर में 96 जगह निरीक्षण किये हैं और आगामी दिनों में निरीक्षण और बढाए जाएंगे।

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