दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष अजय माकन पर तल्ख टिप्पणी की। उन्होंने कहा है कि माकन की कार्यशैली ने कांग्रेस का बहुत नुकसान किया।
शीला दीक्षित ने कहा, ‘राजनीतिक पार्टी के अध्यक्ष (प्रदेश अध्यक्ष माकन) को सारा दिन काम करना होता है, लोगों से बात करनी होती है और हर चीज जाननी पड़ती है। अगर अजय माकन कह रहे हैं कि उन्हें चीजें बदलने की जरूरत है तो यह अच्छा संकेत है। देखते हैं, वह क्या करते हैं। उनकी कार्यशैली ने कांग्रेस का पहले ही बहुत नुकसान किया है।‘
President of political party has to work for it throughout the day, communicate with everyone & know about everything. If Ajay Maken is saying that he needs to correct things, it's a good thing. Let's see what he does. His style had done lot of damage to Congress: Sheila Dikshit pic.twitter.com/iVMLeP0A2C
— ANI (@ANI) February 18, 2018
कांग्रेस में अरविंदर सिंह लवली की वापसी का स्वागत करते हुए शीला दीक्षित ने कहा, ‘जो कांग्रेस की विचारधारा के साथ रहा है, उसे भाजपा में रहने में हमेशा मुश्किल होगी। वो कांग्रेस से ठीक उलट हैं। खैर, जो हुआ, देर आए दुरुस्त आए।‘
The one who has been with the ideology of Congress will always find it difficult to be in BJP. They are the stark opposite of what Congress is. Khair jo hua, der aaye durust aaye: Sheila Dikshit, Congress on Arvinder Singh Lovely rejoining the party pic.twitter.com/S4jUN1FzJX
— ANI (@ANI) February 18, 2018
इससे पहले भी लवली की वापसी पर शीला दीक्षित ने कहा था, ‘‘मैं खुश हूं। वह कांग्रेसी रहे हैं और लंबे समय तक दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष के साथ ही पार्टी की सरकार में मंत्री भी रहे है। स्वाभाविक रूप से उनकी वापसी पार्टी के लिए अच्छी है।’
शीला के वफादार माने जाने वाले लवली ने दिल्ली कांग्रेस प्रमुख अजय माकन से मतभेद के बाद कांग्रेस छोड़ दी थी। अरविंद लवली दिल्ली में शीला दीक्षित की सरकार में तीन बार मंत्री रह चुके हैं लवली कांग्रेस के दिल्ली में प्रदेश अध्यक्ष भी रहे थे।
आपको बता दें कि अरविंदर सिंह लवली कांग्रेस के 4 बार विधायक रहे हैं। 1998 में पहली बार दिल्ली के गांधी नगर से विधायक बने थे। शीला दीक्षित सरकार में शिक्षा, शहरी विकास, पर्यटन और परिवहन मंत्री रह चुके हैं.लेकिन अजय माकन को दिल्ली प्रदेश अध्यक्ष बनाए जाने के बात से उनकी अनबन शुरू हो गई और फिर इतना झगड़ा बढ़ गया कि उन्होंने कांग्रेस से ही इस्तीफा दे दिया।