सुनील यादव ने आउटलुक संवाददाता को काठमांडू से फोन पर बताया कि तबाही का मंजर यह है कि गांव के गांव तबाह हो गए हैं। लोगों को पीने का पानी नहीं मिल रहा है। सुनील के मुताबिक उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा मुहैया कराई गई राहत सामग्री लोगों के बीच वितरित की जा रही है। उन्होने बताया कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा भेजी गई सामग्री को नेपाल में भारतीय दूतावास के माध्यम से वितरित किए जाने के साथ ही साथ पार्टी के कार्यकर्ताओं द्वारा ग्रामीण इलाकों में प्रभावित लोगों के बीच वितरित की जा रही है।
समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी के मुताबिक मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के निर्देश पर 28 अप्रैल को 28 ट्रक रवाना किए गए हैं जिसमें 17 ट्रक पानी, 7 ट्रक बिस्किट, 4 ट्रक मैगी और दूध है। नेपाल में फंसे हुए लोगों को लाने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने 100 बसों की व्यवस्था की है जिसमें से 82 बसें काठमांडू पहुॅच गई है। नेपाल, गोरखपुर के बीच बस सेवा भी चालू हो गई है। नेपाल भारत की सीमा के जनपदो में विशेषकर गोरखपुर, महाराजगंज, लखीमपुर में राहत कैम्प आरम्भ किए गए हैं जहां रहने व खाने पीने की सुविधाएं उपलब्ध कराई गई है।
इससे पूर्व 26 अप्रैल को नेपाल के भूकंप पीड़ितों के लिए 21 ट्रकों को मंत्री राजेन्द्र चैधरी ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया था इनमें पानी की बोतलें तथा बिस्किट और दवाइयां शामिल हैं। मेडिकल कालेज से 45 डाक्टरों की एक विशेष टीम भेजी गई है जो वहां चिकित्सा कार्य में लग गए है।