उत्तर प्रदेश चुनाव आने को हैं और ऐसे में चुनाव की घोषणा कभी भी हो सकती है। इससे पहले कि आचार संहिता लगे और घोषणाएं अधर में लटके उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने झटपट घोषणाओं का अंबार लगा दिया। मात्र चार घंटे में 300 योजनाएं उन्होंने कर दीं और यह सभी बातें पूरी हो गईं तो उत्तर प्रदेश हर प्रदेश से आगे निकल जाएगा। उन्हें पूरा विश्वास है कि इस बार उनके काम इतने बेहतर हैं कि कोई भी पार्टी उनके सामने टिक नहीं पाएगी। अगली सरकार वही बना रहे हैं इसके लिए वह आशान्वित ही नहीं आत्मविश्वास से भरे हुए हैं।
अखिलेश यादव का मानना है कि यह चुनाव जातिगत समीकरणों के बजाय पिछले पांच साल के उनके काम और नोटबंदी से जनता को हुई परेशानियां पर होगा जिससे मतदाताओं समाजवादी पार्टी को चुनेंगे। उन्होंने कहा कि सपा में पारिवारिक कलह अब कोई मसला नहीं रह गया है। अखिलेश ने एक साक्षात्कार में कहा, हमारा पांच साल का काम और नोटबंदी से हुई परेशानियां हमें चुनाव जिताएगी। जो लाइनें एटीएम के बाहर दिख रही हैं, वे हमें चुनावी बूथ के बाहर नजर आएंगी। अखिलेश का कहना है कि प्रधानमंत्री यहां से चुनाव जीते, गृहमंत्री और और रक्षामंत्री यहां से राज्यसभा में गए और उन्होंने उत्तर प्रदेश के लिए क्या किया यह बताना होगा। अभी सबसे ज्यादा सांसद उत्तर प्रदेश से हैं।
गठबंधन के बारे में उनकी स्पष्ट राय है कि राष्ट्रीय अध्यक्ष इस बात का फैसला लेंगे। हालांकि कांग्रेस से गठबंधन की संभावना को सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव हालांकि खारिज कर चुके हैं लेकिन अखिलेश का कहना है कि अभी चुनाव में समय है और तब तक हालात बदल सकते हैं। उनका मानना है कि कांग्रेस कितनी भी कमजोर क्यो न धर्मनिरपेक्ष ताकतों का साथ होना जरूरी है। समाजवादियों का मानना है कि कांग्रेस जब सबसे कमजोर होती है तो सबसे अच्छी मित्र उन्हीं की होती है।