उत्तर प्रदेश में गीता का पाठ करके सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करने और पूरे प्रदेश में दूसरा स्थान प्राप्त करने वाली मेरठ की आलिया खान का मुस्लिम संगठन ने विरोध किया है। संगठन ने आलिया को इस्लाम विरोधी बताते हुए फतवा जारी किया है। श्री कृष्ण की वेशभूषा में गीता के श्लोक का पाठ करने पर देवबंद के फतवा विभाग ने आलिया के खिलाफ यह कदम उठाया है।
मुझे राजनीति में न घसीटा जाए: आलिया
इस फतवे पर आलिया खान का कहना है कि उसे राजनीति में न घसीटें, उसे पढ़ाई करने दी जाए। न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक, आलिया ने कहा, मैने कृष्ण की वेशभूषा धारण की। प्रतियोगिता का हिस्सा बनकर गीता पाठ किया। इस्लाम इतना कमजोर नहीं है कि उसे इस्लाम से निकाल दिया जाए। वो भी सिर्फ इसलिए कि मैंने वेशभूषा धारण करके गीता का पाठ किया। उन्होंने फतवा जारी किया है, लेकिन मैं प्रार्थना करती हूं कि मुझे राजनीति में न घसीटा जाए।
I dressed as Krishna & recited Gita as a part of competition. Islam is not so weak that we will be dismissed from it just for reciting Gita or wearing a costume. They issued fatwa but will request all not to drag me into politics: Alia Khan #Meerut pic.twitter.com/7sr0dY696o
— ANI UP (@ANINewsUP) January 4, 2018
धर्मग्रंथ लोगों को तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का काम करते हैं- आलिया की मां
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आलिया खान के खिलाफ जारी किए गए फतवा का निर्भिकता से जवाब देते हुए लड़की की मां अफरोजन ने कहा कि धर्मग्रंथ लोगों को तोड़ने का नहीं बल्कि जोड़ने का काम करते हैं।
सीएम योगी ने की तारीफ
बता दें कि इस प्रतियोगिता का आयोजन लखनऊ में किया गया था। इसका आयोजन प्रदेश स्तर पर उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने किया था। इस कार्यक्रम में आलिया खान ने श्री कृष्ण की वेशभूषा में गीता का पाठ किया था, जिसके बाद सीएम योगी आदित्यनाथ ने उनकी जमकर तारीफ की थी।
मुस्लिम संगठन ने जाहिर की आलिया पर नाराजगी
देवबंद के उलमा ने आलिया पर नाराजगी जाहिर की। उन्होंने कहा कि इस्लाम मुस्लिम बच्चों को इस तरह के कार्यक्रम में हिस्सा लेने की इजाजत नहीं देता है। संस्था के ऑनलाइन फतवा विभाग चेयरमैन मुफ्ती अरशद फारुकी ने कहा कि मुस्लिम तालिब इल्म (छात्रा) को गीता के श्लोक पढ़ना और श्रीकृष्ण का रूप धारण करने की इस्लाम इजाजत नहीं देता। यह शिर्क कहलाता है।