उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने के लिए सड़कों पर आरती और नमाज पर प्रतिबंध लगाने के प्रशासन के फैसले से माहौल सुधरने की उम्मीद कम ही दिखाई दे रही है। प्रतिबंध लगाने के बाद हिंदूवादी संगठनों ने प्रशासन को खुली चुनौती ही दे डाली है और वे आरती और हनुमान चालीसा का पाठ सड़क पर आयोजित करने कर अड़े हुए हैं। हालांकि प्रशासन ने चुनौती देने वाले नेताओं पर केस दर्ज क लिया है।
नमाज और हनुमान चालीसा पर लगाई रोक
सड़को पर नमाज पढ़े जाने के खिलाफ कुछ हिंदूवादी संगठनों ने हनुमान चालीसा का पाठ करने की योजना बनाई थी। इसके बाद प्रशासन ने सड़कों पर किसी तरह के धार्मिक आयोजन पर रोक लगा दी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने रविवार को बताया कि जिला प्रशसान ने किसी भी गड़बड़ी को टालने के लिए एहतियाती कदम उठाए हैं।
नमाज का विरोध कर रहे हिंदू संगठन
प्रशासन उस समय हरकत में आया जब हिंदू जागरण मंच सहित कुछ हिंदूवादी संगठनों ने पिछले सप्ताह आरती और हनुमान चालीसा का पाठ हर मंगलवार को आयोजित करने की योजना बनाई। ये संगठन शुक्रवार को सड़कों पर मुस्लिमों द्वारा नमाज पढ़े जाने का विरोध कर रहे हैं।
हिंदू संगठन के नेता ने दी खुली चुनौती
प्रशासन के फैसले से मामला शांत होता नहीं दिख रहा है। हिंदू जागरण मंच के नेताओं ने प्रशासन के फैसले का उल्लंघन करने की घोषणा की है। संगठन के राज्य महासचिव सुरेंद्र सिंह भागोर ने सार्वजनिक रूप से प्रशासन को चुनौती और धमकी की। नेता ने कहा कि जिलाधिकारी सड़कों पर हर तरह का धार्मिक प्रदर्शन पर रोक लगाए।
प्रशासन से केस दर्ज किया
इसके बाद जिलाधिकारी चंद्रभूषण सिंह ने प्रतिबंध के आदेश के विरुद्ध हनुमान चालीसा पाठ सड़कों पर न करने की चेतावनी दी। चेतावनी देने वाला हिंदू संगठन नेता का वीडियो क्लिप शनिवार को वायरल होने के बाद प्रशासन ने उसके खिलाफ धारा 147, 506 और 153 के तहत केस दर्ज किया है।