हरियाणा बोर्ड द्वारा घोषित 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणामों में जहां एक तरफ आधा हरियाणा फेल हुआ वहीं दूसरी तरफ दीघोट गांव का सरकारी स्कूल 10वीं में पूरा ही फेल हो गया है। जिसके विरोध में ग्रामीणों ने स्कूल पर ताला जड़ दिया और उसके दरवाजे पर धरना देकर बैठ गए।
10वीं क्लास के सारे बच्चे फेल
गांव दीघोट में बने सरकारी स्कूल में कक्षा 10वीं में 51 बच्चों ने पेपर दिए थे। जिनमें से 5 बच्चों को नकल करते हुए पकडे जाने पर केस बन गया था और बचे हुए 46 बच्चों में से एक बच्चे की कंपार्टमेंट आ गई थी। इसके बाद बाकी बचे बच्चे फेल हो गए हैं। इस तरह से 51 बच्चों में से एक भी बच्चा पास नहीं हो पाया है।
12वीं में 3 बच्चे पास, ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ की बताई लापरवाही
वहीं इस स्कूल के 12वीं के नतीजों की बात करें तो 23 विद्यार्थियों में से केवल 3 विद्यार्थी ही पास हुए हैं। इस तरह से खराब रिजल्ट आने पर ग्रामीणों में रोष है। ग्रामीणों ने स्कूल स्टाफ पर पढ़ाई में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि अध्यापकों की कमी के कारण कोई भी पास नहीं हो सका है। अध्यापक पढ़ाने की बजाय मोबाइल फोन पर गेम खेलने और बातचीत करने में लगे रहते हैं। बच्चों की पढ़ाई की तरफ कोई ध्यान नहीं दिया जाता। जब बच्चे फेल होते हैं तो इसका जिम्मेदार उनके माता-पिता को बताया जाता है।
ग्रामीण कर चुके हैं शिक्षा मंत्री से प्रिंसिपल के तबादले की मांग
ग्रामीणों ने कहा कि पहले भी स्कूल के प्रिंसिपल के तबादले की मांग शिक्षा मंत्री रामबिलास शर्मा से की जा चुकी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हो सकी थी। अब ग्रामीणों ने स्कूल के गेट पर ताला जड़कर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।
मांगें पूरी न होने तक बंद रहेगा स्कूल
ग्रामीणों ने प्रशासन से मांग की है कि जो बच्चे फेल हुए हैं उनको स्कूल में दोबारा से दाखिला दिया जाए। जो तीन विंग स्कूल में बने हुए हैं तुंरत प्रभाव से उनके प्रधानाचार्यों का तबादला किया जाए और बाद में स्कूल स्टाफ को बदला जाए। उन्होंने कहा कि जब तक उनकी मांग पूरी नहीं होगी वे स्कूल को बंद कर धरने पर रहेंगे।
ग्रामीणों ने खंड शिक्षा अधिकारी का विरोध कर लौटाया वापस
वहां बातचीत करने आए होडल खंड शिक्षा अधिकारी जीतपाल को भी ग्रामीणों ने विरोध करके वापस लौटने पर मजबूर कर दिया। जब उनसे मीडिया द्वारा पूछा गया तो वह हाथ जोड़कर कैमरे के सामने से भागते नजर आए।