यहां तैनात सीआईएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, हमने चूक के लिए छह कर्मियों को निलंबित कर दिया है और जांच के आदेश दे दिए हैं। सचिवालय में तैनात सीआईएसएफ कमांडेंट को तलब किया गया है और मंगलवार को हुई कथित चूक के बारे में आगाह किया गया है।
गौरतलब है कि केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल (सीआईएसएफ) के जवानों का एक दस्ता सचिवालय भवन की सुरक्षा में तैनात रहता है। दिल्ली के एसपी राणा अपनी .32 बोर की लाइसेंसी पिस्तौल के साथ सुरक्षा के तीन स्तर पार कर गए और सचिवालय भवन की चौथी मंजिल पर खट्टर के दफ्तर के बाहर सुरक्षा कर्मचारियों की जांच में आखिरकार उनकी लाइसेंसी पिस्तौल पकड़ में आई।
ऑल इंडिया एंबुलेंस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष राणा ने कहा कि वह 20-30 पदाधिकारियों के एक समूह में थे जिनको खट्टर से मिलने का वक्त मिला हुआ था। राज्य के निजी एंबुलेंस संचालकों ने एंबुलेंसों पर यात्री कर के विरोध में मंगलवार को एक दिन की हड़ताल की थी और वह उसे वापस लेने का अनुरोध करने वाले थे।
जब उनसे पूछा गया कि वह हथियार लेकर सचिवालय भवन क्यों गए, राणा ने फोन पर बताया कि उन्हें सुरक्षा प्रतिबंधों के बारे में जानकारी नहीं थी। उन्होंने कहा , मुझे पता नहीं था कि कोई सचिवालय के भीतर लायसेंसी बंदूक तक नहीं ले जा सकता।