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अब आंध्र प्रदेश सरकार ने एनपीआर के नए फॉर्मेट का किया विरोध, कैबिनेट ने किया प्रस्ताव पारित

आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सरकार बिहार की तर्ज पर 2010 के फॉर्मेट पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर...
अब आंध्र प्रदेश सरकार ने एनपीआर के नए फॉर्मेट का किया विरोध, कैबिनेट ने किया प्रस्ताव पारित

आंध्र प्रदेश की वाईएसआर कांग्रेस सरकार बिहार की तर्ज पर 2010 के फॉर्मेट पर राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर (एनपीआर) चाहती है। इस बारे में उसने अपना रूख साफ कर दिया है। मुख्यमंत्री वाई एस जगन मोहन रेड्डी की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट ने केंद्र से एनपीआर प्रश्नावली में बदलाव करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। राज्य सरकार अब केंद्र से लोगों में बढ़ती असुरक्षा की भावना को दूर करने के लिए एनपीआर के लिए पुराने फॉर्मेट को लागू करने का अनुरोध करेगी।

बैठक के बाद पत्रकारों को जानकारी देते हुए, राज्य के सूचना और जनसंपर्क मंत्री पर्नी वेंकटरामैया (नानी) ने कहा कि कैबिनेट ने महसूस किया कि एनपीआर को जबरन लागू करने से करोड़ों लोग भयभीत थे। उन्होंने कहा कि यह केंद्र की जिम्मेदारी है कि एनपीआर पर लोगों में आशंकाओं को दूर करे और जागरूकता पैदा करे। हम केवल केंद्र से उसकी जिम्मेदारी को पूरा करने के लिए कह रहे हैं।

'लोगों के हितों से जुड़ा है अधिकार'

यह पूछे जाने पर कि क्या राज्य के पास केंद्र के फैसले को दरकिनार करने की शक्ति है, मंत्री ने कहा, हमें लगता है कि यह सिर्फ है। अगर हमारे पास शक्ति नहीं है तो हम देखेंगे।" उन्होंने कहा कि केंद्र ने एक निर्णय लिया है और हमे इसे लागू करने के बारे में पूछा जा रहा है, लेकिन जब राज्य के करोड़ों लोग डरे हुए हैं तो लोगों के हितों की रक्षा करने का अधिकार है। हम लागू करने वाली एजेंसी है और हम इसे तब लागू नहीं करेंगे जब तक केंद्र हमारे अनुरोध को नहीं मान लेता।

बिहार कर चुका है प्रस्ताव पास

बता दें कि बिहार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) की सरकार होने के बावजूद विधानसभा के बजट सत्र के दूसरे दिन राष्ट्रीय नागरिकता रजिस्टर (एनआरसी) के खिलाफ और राष्ट्रीय जनसंख्या  रजिस्टर (एनपीआर) 2010 के फार्मेट पर ही कराने का प्रस्ताव पारित हुआ। इसके साथ ही बिहार, भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार वाला पहला राज्य बन गया है, जहां एनआरसी के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया गया। बिहार विधानसभा से प्रस्ताव पारित होने के बाद विपक्ष के नेता और राष्ट्रीय जनता दल विधायक तेजस्वी यादव ने कहा कि सरकार में होने के बावजूद भाजपा ने घुटने टेक दिए। उन्होंने इसे बड़ी जीत बताया ट्वीट कर कहा कि हमारी मांग पर विधानसभा में सर्वसम्मति से प्रस्ताव पास कराया गया।

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