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'अन्नपूर्णा रसोई' के बाद अब राजस्थान में शुरू होगी 'अन्नपूर्णा दूध योजना'

रामगोपाल जाट। राजस्थान सरकार द्वारा 'अन्नपूर्णा रसोई' की तर्ज पर अब 'अन्नपूर्णा दूध योजना' शुरू करने का...
'अन्नपूर्णा रसोई' के बाद अब राजस्थान में शुरू होगी 'अन्नपूर्णा दूध योजना'

रामगोपाल जाट।

राजस्थान सरकार द्वारा 'अन्नपूर्णा रसोई' की तर्ज पर अब 'अन्नपूर्णा दूध योजना' शुरू करने का ऐलान किया है। प्रदेश की वसुंधरा राजे सरकार राज्य के सभी सरकारी विद्यालयों में पढ़ने वाले विद्यार्थियों के लिए 2 जुलाई से अन्नपूर्णा दूध योजना शुरू करने जा रही है। इस महती योजना का राज्य स्तर पर मुख्यमंत्री वसुन्धरा राजे उद्घाटन करेंगी। शुरुआत में यह योजना 8वीं कक्षा तक के बच्चों पर लागू होगी। जिसकी समीक्षा के बाद बची हुई चार कक्षाओं के लिए भी बढ़ाया जा सकता है।

विद्यार्थियों को 200 एमएल दूध प्रतिदिन दिया जाएगा

शिक्षा मंत्री वासुदेव देवनानी का कहना है कि राज्य के सरकारी स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों के पोषण को ध्यान में रखते हुए इस योजना की शुरुआत की जा रही है। 2 जुलाई को इस विशेष योजना के तहत कक्षा एक से 5 तक के बच्चों को 150 एमएल पिलाया जाएगा। उससे ऊपरी कक्षाओं, कक्षा 6 से 8 तक के विद्यार्थियों को 200 एमएल दूध प्रतिदिन दिया जाएगा।

दूध के वितरण का प्रबंध विद्यालय प्रबंध समितियां करेंगी। विद्यालयों में अध्ययनरत बच्चों को दूध के जरिए पोषण प्रदान करने की इस योजना में सहयोग के लिए भामाशाहों से भी सहायता करने की अपील की गई है।

राज्य में 80 हजार से ज्यादा सरकारी स्कूल

इस योजना में राज्य के करीब 85 लाख सरकारी विद्यालयों में अध्ययनरत छात्र-छात्राओं में से लगभग 75 प्रतिशत को शामिल किया गया है। पहली कक्षा से 8वीं कक्षा तक यह योजना शुरू हो रही है। प्रदेश में 12वीं कक्षा तक करीब 85 लाख छात्र अध्यनरत हैं। राज्य में आज की तारीख में 80 हजार से ज्यादा सरकारी विद्यालय हैं।

दोपहर के खाने के लिए मिड डे मील योजना 

हालांकि, वर्तमान में पूरे राज्य में मिड डे मील योजना के तहत राजकीय विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों को मध्यान्ह का भोजन दिया जा रहा है। इस योजना के रूप में कक्षा पहली से पांचवीं तक के बच्चों को सप्ताह में 6 दिन तक दोपहर का भोजन खिलाया जाता है । इस योजना के तहत सोमवार को रोटी, सब्जी, मंगलवार को चावल, दाल, सब्जी, बुधवार को रोटी, दाल,  गुरुवार को खिचड़ी दाल, चावल, शुक्रवार को रोटी, दाल और शनिवार को रोटी, सब्जी सरकारी स्कूल के बच्चों को दी जाती है । योजना में 4 रुपए 13 पैसे और कक्षा छह से आठवीं तक 6 रुपए 18 पैसे का ही बजट है। मिड डे मील बनवाने में खर्च दोगुना खर्च आता है, जोकि सात रुपए 55 पैसे से हैं।
नियम के मुताबिक कक्षा एक से पांचवीं तक के बच्चों को 450 कैलोरी और 12 ग्राम प्रोटीन और कक्षा 6 से आठ तक के लिए 700 कैलोरी और 20 ग्राम प्रोटिन होना जरूरी  है। इसके अलावा सप्ताह में एक दिन बच्चों को मौसमी फल भी दिया जाने का प्रावधान है। यह योजना राजस्थान में वर्ष 2010 से चल रही है।

सीएम राजे ने दूध को लेकर किया था एक विज्ञापन

आपको याद दिला दें कि मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने ही साल 2003 से 2008 के कार्यकाल में सरस डेयरी के लिए प्रचार करते हुए सभी अभिवाहकों से अपील करता हुआ एक विज्ञापन किया था। जिसमें सीएम राजे लोगों से अपने बच्चों को रोज एक ग्लास दूध जरूर पिलाए जाने की अपील कर रहीं थीं। राजे की उस अपील का राज्य की जनता पर गहरा असर हुआ। किसी भी मुख्यमंत्री द्वारा इस तरह से अपील करता हुआ विज्ञापन संभवत: पहली बार किया गया था।

अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की गई थी

वहीं, राजस्थान सरकार के अनुसार राज्य के शहरी क्षेत्रों में श्रमिकों, रिक्शावालों, ठेलेवालों, ऑटोवालों, कर्मचारियों, विद्यार्थियों, कामकाजी महिलाओं, बुजुर्गों एवं अन्य असहायों, जरूरतमंद व्यक्तियों को ध्यान में रखकर उनकी सेहत के लिए अन्नपूर्णा रसोई योजना की शुरूआत की गई थी।

राज्य के 191 शहरों में 500 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के जरिए नाश्ता-लंच

इस योजना की शुरूआत मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे ने 15 दिसंबर 2016 को की थी। योजना में अन्नपूर्णा रसोई वैन के माध्यम से मात्र 5 रुपये में नाश्ता तथा केवल 8 रुपये में पौष्टिक भोजन उपलब्ध करवाया जा रहा है। इस योजना में आज राज्य के 191 शहरों में 500 अन्नपूर्णा रसोई वैनों के माध्यम से नाश्ता और भोजन उपलब्ध कराया जाएगा।

अन्नपूर्णा रसोई योजना की विशेषताएं

इस रसोई वैन में लाभार्थियों के लिए नाश्ता, दोपहर का भोजन एवं रात्रि का भोजन उपलब्ध हो रहा है। योजना में नाश्ता मात्र 5 रुपये में मिलता है। नाश्ता के रूप में पोहा, सेवइयां, इडली सांभर, लापसी, ज्वार खिचड़ा, बाजरा खिचड़ा, गेहूं खिचड़ा आदि मिल रहा है। इस योजना में भोजन की थाली मात्र 8 रुपये में उपलब्ध है। जिसमें प्रत्येक भोजन सामग्री की मात्रा 450 ग्राम है। भोजन के रूप में दोपहर में दाल-चावल, गेहूं का चूरमा, मक्का का नमकीन खीचड़ा, रोटी का उपमा, दाल- ढ़ोकली, चावल का नमकीन खीचड़ा, कढ़ी-ढ़ोकली, ज्वार का नमकीन खीचड़ा, गेहूं का मीठा खीचड़ा इत्यादि शामिल हैं।

योजना के तहत रात्रि भोजन में प्रति थाली मात्र 8 रुपये में उपलब्ध है, जिसमें सामग्री की मात्रा 450 ग्राम है। रात की थाली में दाल-ढ़ोकली, बिरयानी, ज्वार की मीठी खिचड़ी, चावल की नमकीन खीचड़ा, कढ़ी-चावल, मक्के का नमकीन खीचड़ा, बेसन गट्टा पुलाव, बाजरे का मीठा खीचड़ा, दाल-चावल, गेहूं का चूरमा खिलाया जा रहा है।

देश में पहली बार इस तरह की योजना तमिनाडु की सीएम जयललिता ने की थी

इस तरह की योजना देश में पहली बार तमिनाडु की तत्कालीन सीएम जयललिता ने की थी। वहां पर अम्मा रसोई के नाम से भोजन खिलाया जा रहा है।

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