पूरे देश में मतदाता सूची में मतदाताओं के नाम हटाने और फर्जी मतदाताओं को जोड़ने की खबरें चल रही हैं। अभी तक सभी राजनैतिक पार्टियां एक-दूसरे पर सिर्फ आरोप ही मढ़ रही हैं। लेकिन वोटर लिस्ट वॉर में आंध्र प्रदेश सबसे आगे निकल गया है।
वायएसआर के जगन को भी नहीं छोड़ा
आंध्र प्रदेश में चुनाव अधिकारियों को वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) के अध्यक्ष वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी का नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए एक ऑनलाइन आवेदन मिला है। कडप्पा जिले के पुलिवेंदुला विधानसभा क्षेत्र में भाकरपुरम (134 वां मतदान केंद्र) के मतदाता सूची से अपना वोट हटाने के लिए एक अज्ञात व्यक्ति ने जगनमोहन रेड्डी की ओर से आवेदन प्रस्तुत किया है। रिटर्निंग ऑफिसर सत्यम के अनुसार, आवेदन-पत्र में आवेदनकर्ता के रूप में जगनमोहन रेड्डी के नाम के साथ फॉर्म -7 भरा गया है। साथ में जगमोहन रेड्डी की फोटोग्राफ और अन्य विवरण भी दिया गया है। चुनाव अधिकारी ने वाईएसआरसीपी प्रमुख के निजी सचिव से संपर्क किया तो उन्होंने ऐसे किसी भी आवेदन आवेदन को जमा करने से इनकार किया।
10 लाख फर्जी आवेदन
इसके बाद, रिटर्निंग ऑफिसर ने फॉर्म – 7 के दुरपयोग और फर्जी आवेदन के लिए पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। पुलिस ने अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। फॉर्म -7 का उपयोग मतदाताओं द्वारा अपना नाम मतदाता सूची से हटाने के लिए किया जाता है। आंध्र प्रदेश में चुनाव अधिकारियों को पिछले दो हफ्तों में इस तरह के लगभग 10 लाख आवेदन मिले हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी (सीईओ) गोपाल कृष्ण द्विवेदी ने कहा कि आधे से अधिक आवेदन खारिज कर दिए गए हैं और वे दूसरे आवेदनों पर भी नजर रखे हुए हैं। उन्होंने कहा कि जिन्होंने मतदाताओं को हटाने के लिए झूठे आवेदन प्रस्तुत किए है उन 446 लोगों के खिलाफ मामले दर्ज किए गए हैं।
आंध्र प्रदेश की सत्तारूढ़ तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) और विपक्षी वाईएसआरसीपी एक दूसरे पर मतदाताओं के नाम हटाने के लिए झूठे आवेदन जमा करने का आरोप लगा रहे हैं।