जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी शुक्रवार को श्रीनगर पहुंचे। उन्होंने नियंत्रण रेखा (LoC) और घाटी के अन्य हिस्सों में सुरक्षा हालात की समीक्षा की और आतंकियों के खिलाफ चल रही सेना की कार्रवाई की जानकारी ली। उनके साथ उत्तरी कमान के सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एमवी सुचिंद्र कुमार भी मौजूद रहे।
श्रीनगर पहुंचने पर 15 कोर के कमांडर ने सेना प्रमुख को मौजूदा हालात की विस्तृत जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने कश्मीर घाटी में तैनात वरिष्ठ सैन्य अधिकारियों और अन्य सुरक्षा एजेंसियों के प्रतिनिधियों से भी मुलाकात की। सेना प्रमुख को आतंकवादियों के खिलाफ चल रहे अभियानों और पाकिस्तान द्वारा नियंत्रण रेखा पर सीजफायर उल्लंघन के बारे में भी अवगत कराया गया।
आज सुबह, पाकिस्तानी सेना ने एलओसी के कुछ हिस्सों में हल्के हथियारों से गोलीबारी की, जिसका भारतीय सेना ने त्वरित और प्रभावशाली जवाब दिया। सेना अधिकारियों ने बताया, “इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है।”
गौरतलब है कि 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम स्थित बैसरन मैदान में हुए आतंकी हमले में 25 भारतीय नागरिकों और एक नेपाली नागरिक की मौत हो गई थी, जबकि कई अन्य घायल हुए थे। इस हमले के बाद भारतीय सेना पूरी तरह अलर्ट पर है और आतंकियों की तलाश में घाटी में कई सर्च ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं।
इस आतंकी हमले के बाद भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े राजनयिक कदम उठाए हैं। अटारी बॉर्डर पर स्थित इंटीग्रेटेड चेक पोस्ट (ICP) को तत्काल प्रभाव से बंद कर दिया गया है। इसके अलावा, SAARC वीज़ा छूट योजना को पाकिस्तानी नागरिकों के लिए निलंबित कर दिया गया है।
विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि पाकिस्तानी उच्चायोग में तैनात रक्षा सलाहकारों को 'पर्सोना नॉन ग्रेटा' घोषित किया गया है और उन्हें भारत छोड़ने के लिए एक सप्ताह का समय दिया गया है। भारत ने अपने सैन्य सलाहकारों को इस्लामाबाद से वापस बुलाने का भी निर्णय लिया है।
इसके अलावा भारत ने वर्ष 1960 में हस्ताक्षरित सिंधु जल संधि को भी अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।