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मौत से पहले डॉ. शर्मा ने एसटीएफ को सौंपे 200 दस्‍तावेज!

व्‍यापामं घोटाले की जांच से जुड़े जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डाॅ. अरुण शर्मा की रहस्‍यमय हालत में मौत हो गई है। करीब एक साल पूर्व डीन भी इसी तरह संदिग्ध हालत में मृत पाए गए थे, जिसका राज आज तक नहीं खुला है। कहा जा रहा है कि डॉ. शर्मा ने दो दिन पहले ही व्‍यापमं से जुड़े 200 दस्‍तावेज एसटीएफ को सौंपे थे। एक दिन के अंदर व्‍यापमं से जुड़ी दो मौतों ने कई सवाल खड़े कर दिए हैं।
मौत से पहले डॉ. शर्मा ने एसटीएफ को सौंपे 200 दस्‍तावेज!

नई दिल्‍ली। दिल्‍ली एयरपोर्ट के पास एक होटल में मृत पाए गए जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ. अरुण शर्मा के बारे में कांग्रेस के महासचिव दिग्विजय सिंह ने सनसनीखेज दावा किया है। दिग्विजय सिंह ने ट्वीट कर कहा कि इंडियन मेडिकल एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष डॉ. सुधीर तिवारी के अनुसार डा. अरुण शर्मा ने दो दिन पहले एसटीएफ को व्यापम घोटाले से जुड़े 200 दस्तावेज सौंपे थे। दिग्विजय सिंह ने व्‍यापमं घोटाले की जांच कर रहे एसटीएफ से इस बारे में स्थिति स्‍पष्‍ट करने की मांग की है। शर्मा की मौत पर कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने ट्वीट किया, जबलपुर मेडिकल काॅलेज के डीन डाॅक्टर अरूण कुमार शर्मा दिल्ली के होटल में मृत पाए गए। उनके पिता एनके शर्मा मंत्री, सांसद और मध्‍य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष थे। 

हैरानी की बात है कि 4 जुलाई 2014 को जबलपुर मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन डीके साकल्ले की भी संदिग्ध हालत में मौत हुई थी। डॉक्टर साकल्ले की लाश उनके घर में जली हुई अवस्था में मिली थी। आजतक उनकी मौत का राज नहीं खुला है। साकल्ले ने व्यापमं घोटाले में शामिल फर्जी छात्रों का पता लगाकर उन्‍हें कॉलेज से बर्खास्त कर किया था। वह व्‍यापमं घोटाले से जुड़े ऐसे लोगों की पड़ताल कर रहे थे जो जालसाजी कर मेडिकल प्रवेश परीक्षा में सफल हुए थे। 

डाॅ. तिवारी ने कहा, हमारी मांग है कि डाॅ. शर्मा के शव का पोस्टमार्टम, विशेषज्ञ चिकित्सकों की टीम द्वारा किया जाना चाहिए। आईएमए के जिला अध्यक्ष ने कहा, आशंका है कि डाॅ. शर्मा को भी चीनी लेजर गन से मारा गया है, जिससे मुझे लगता है कि डाॅ. साकल्ले को मारा गया था। मुझे पता चला है कि दो दिन पहले ही डाॅ. शर्मा ने व्यापमं घोटाले को लेकर एसटीएफ को एक रिपोर्ट सौंपी है। दिग्विजय सिंह ने व्‍यापमं घोटाले से जुड़े लोगों की लगातार हो रही मौतों की सीबीआई से जांच कराने की मांग की है। उधर, मुख्‍यमंत्री शिवराज सिंह चौहान का कहना है कि व्यापमं मामले की जांच की निगरानी कर रहे विशेष जांच दल एसआईटी को राज्य सरकार टीवी पत्रकार अक्षय सिंह की मृत्यु की जांच करने के लिए लिख रही है। अगर मध्यप्रदेश उच्च न्यायालय इस घोटाले की जांच सीबीआई सहित किसी और एजेंसी से कराना चाहता है, तो उनकी सरकार को कोई आपत्ति नहीं होगी।

 

गौरतलब है कि करीब एक पखवाड़े पहले एसआईटी ने उच्च न्यायालय में रिपोर्ट सौंपी थी जिसमें व्‍यापमं घोटाले में 23 आरोपियों और गवाहों की असमान्य मौत होने की बात कही गई है। इसके बाद से दो और लोगों की रहस्यमय हालत में हो चुकी है। कुछ खबरों में व्‍यामपं घोटाले में अब तक 40 से ज्‍यादा लोगोें के मारे जाने का दावा किया जा रहा है। 

 

 


 

 

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