शार्पशूटर और आसाराम के कट्टर अनुयायी हलदर को 13 मार्च को छत्तीसगढ़ के रायपुर से गुजरात के आतंकवाद निरोधक दस्ते (एटीएस) और शहर की अपराध शाखा के एक संयुक्त अभियान में गिरफ्तार किया गया था। अपराध शाखा के सहायक पुलिस आयुक्त के एन पटेल ने सोमवार को बताया कि हलदर आगे की जांच के लिए राजस्थान पुलिस की हिरासत में है। पटेल ने कहा कि यहां पूछताछ के दौरान हलदर ने स्वीकार किया था कि वह हत्याएं करने के लिए एके 47 राइफल या उसी क्षमता का कोई बड़ा हथियार खरीदना चाहता था। उन्होंने कहा, हलदर ने अपने बयान में स्वीकार किया कि आसाराम के अन्य साधकों ने गवाहों के खात्मे के लिए 25 लाख रूपये की धनराशि एकत्रित की थी। इन साधकों के साथ एक मुलाकात में यह निर्णय किया गया कि हत्याओं को अंजाम देने के लिए एके 47 जैसा कोई बड़ा हथियार खरीदा जाए।
एसीपी ने कहा, एके 47 या उसी तरह के हथियार का इंतजाम करने के लिए हलदर ने झारखंड में एक व्यक्ति को 11 लाख रूपये दिए थे जिसने एके 47 का इंतजाम करने का वादा किया था। यद्यपि हलदर ने हमें बताया कि उसे हथियार कभी मिला नहीं क्योंकि उस व्यक्ति ने उसे केवल दुनाली बंदूक दे दी। हलदर ने उसका इस्तेमाल हरियाणा के पानीपत में महेंद्र चावला पर गोली चलाने के लिए किया। आसाराम का पूर्व निजी सहायक चावला बाद में उनके खिलाफ गवाह बन गया था। वह इस हमले में बच गया था। हलदर ने प्रमुख गवाहों के साथ ही जोधपुर में आसाराम के खिलाफ दर्ज बलात्कार मामले की जांच अधिकारी की भी हत्या करने की योजना बनाई थी। पटेल ने कहा, हलदर ने अपने बयान में स्वीकार किया कि वह जोधपुर की एसीपी चंचल मिश्र की हत्या करना चाहता था जो जोधपुर में बलात्कार मामले की जांच अधिकारी थीं। हलदर ने अपने बयान में बताया कि उसने महिला अधिकारी द्वारा प्रतिदिन कार्यालय और घर के बीच आनेजाने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले रास्ते की भी रेकी की थी। हालांकि हलदर अपनी योजना को अंजाम नहीं दे पाया।