मंत्री ने आगे यह भी दावा किया कि इनमें से ज्यादातर खाते बैंक या क्रेडिट सोसाइटी द्वारा ऋण राशि को बंद करने के लिए खोले गए थे। ऋण माफी मूल्यांकन और किसानों के आवेदन के लिए शुरु किए गए सॉफ्टवेयर के उपयोग के बारे में पूछे जाने पर, पाटिल ने कहा कि पिछले आकलन के अनुसार, करीब 89 लाख किसानों को ऋण माफी योजना से लाभ मिलने की उम्मीद थी। शायद यही वजह है कि ऋण माफी को लेकर किसानों के नकली बैंक अकाउंट खोले जाने के मामले सामने आए हैं।
राजस्व मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने कहा, ‘हमने महसूस किया है कि किसानों के करीब 10 लाख बैंक खाते नकली हैं, इनमें से ज्यादातर खाते बैंक या क्रेडिट सोसाइटी द्वारा ऋण राशि को बंद करने के लिए खोले गए हैं। उन्होंने कहा कि इस नए सॉफ्टवेयर के साथ हम सही किसानों का पता लगाने में सक्षम हैं, जिनके पास वास्तव में कुछ कृषि भूमि है और जिन्होंने कुछ ऋण लिया है।
पाटिल ने पीटीआई को बताया कि नकली खातों में कुछ जानकारियां गायब हैं, जैसे कि वास्तविक भूमि क्षेत्र, सहायक दस्तावेज, बैंक खाता और अन्य। चूंकि यह सॉफ्टवेयर विस्तृत जानकारी मांगता है, जिसके कारण ही हमें पता चल पाया है कि इनमें से 10 लाख बैंक खाते नकली हैं, इसलिए उन्हें कोई ऋण छूट नहीं मिलेगा।
पाटिल ने कहा कि यह मामला सामने आने के बाद इस पर राजनीति हो सकती है और सरकार को ऋण माफी मुद्दे पर एक और दौर की आलोचना का सामना करना पड़ सकता है। उन्होंने बताया कि पहले ऐसे नकली खाते खोलने का इस्तेमाल नियमित रूप से ऋण प्राप्त करने के लिए किया जाता था।
मंत्री ने कहा कि राज्य सरकार के हस्तक्षेप के साथ, हम अपने सिस्टम में इस तरह के कारनामों को ठीक करना चाहते हैं। सरकार असली किसानों की मदद करने की इच्छुक है, ना कि इस तरह के लोगों की। बता दें कि महाराष्ट्र सरकार ने जून में 34,000 करोड़ रुपये के भूऋण माफी की घोषणा की थी।