बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से महाराष्ट्र के एक व्यक्ति की जान चली गई। सब्जी बेचने वाले एक शख्स ने लाखों रुपये का बिजली बिल देखने के बाद आत्महत्या कर ली। उसका मार्च महीने का बिजली बिल आठ लाख 64 हजार रुपये आया था। जिससे वह परेशान था। हालांकि, बिजली वितरक कंपनी ने बाद में बताया कि यह बिल गलत है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 36 साल के जगन्नाथ शेलके को अप्रैल महीने के लिए 8.6 लाख रुपये का बिजली का बिल मिला। उन्हें यह बिल उनके दो कमरे के टीन के छप्पर वाले घर के लिए मिला, जिसमें वह पिछले 20 साल से अपने परिवार के साथ रह रहे थे। बिल के मुताबिक उन्होंने 55,519 यूनिट बिजली की खपत की थी। बिल देखकर घबराए जगन्नाथ ने गुरुवार सुबह फांसी लगाकर जान दे दी।
मृतक ने सुसाइड नोट में कहा कि वह अत्यधिक बिल से निराश था क्योंकि उसके घर ने हर महीने औसतन 1,000 रुपये की बिजली का उपयोग किया था।
उधर मामले में कार्रवाई करते हुए महाराष्ट्र राज्य विद्युत वितरण कंपनी लिमिटेड (एमएसईजीसीएल) ने उस क्लर्क को निलंबित कर दिया है जिसकी गलती की वजह से ऐसा हुआ। क्लर्क ने मीटर रींडिंग 6,117.8 KWH की जगह 61,178 KWH लिख दीं। इस कारण जगन्नाथ का बिल 8,64,781 रुपये बन गया।
एमएसईडीसीएल ने पहले कहा था कि शेल्के की मौत के साथ इसका कोई लेना-देना नहीं है। बाद में मृतक के सुसाइड नोट के सोशल मीडिया पर वायरल हो जाने के बाद उसने अपने कर्मचारी के खिलाफ कार्रवाई की।
उनके परिवार के सदस्यों का कहना है कि जब इस घटना के जिम्मेदार अधिकारियों को गिरफ्तार नहीं किया जाता, वे शेल्के के शरीर का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे।