प्रधानमंत्री ने ‘नोटबंदी के बाद तीन महीने में मुझ पर क्या-क्या जुल्म हुए। क्योंकि मैं भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रह हूं। लेकिन मोदी है, जुल्म के सामने नहीं झुकता।’ उन्होंने कहा कि हम भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं। किसी की 70 साल की कमाई खत्म हो गई। हम राजनीति में भी भ्रष्टाचार खत्म करेंगे। मैं राजनीति करने नहीं, देश बदलने का प्रण करके निकला हूं। प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी कहा कि ‘कांग्रेस बीती हुई बात और आखिरी सांस पर गुजारा करने वाला दल है। खुद को बचाने के लिए की कोशिश कर रही है।’
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कहा कि ‘कांग्रेस कमाल की पार्टी है। बंगाल में चुनाव लड़ने गए, कम्युनिस्ट पार्टी से समझौता कर लिया। कम्युनिस्टों के साथ 50 साल लड़ाई चलती रही थी। उत्तर प्रदेश में महीनों तक उनकी पार्टी रथ लेकर चलती रही। समाजवादी पार्टी को जितना कोस सकते थे, उतना कोसा। जब देखा कि जनता स्वीकार नहीं कर रही तो अपनी मुंडी वहां मार ली। कांग्रेस खुद को बचाने, सत्ता पाने के लिए चुनाव जीतना चाहती है।‘ उन्होंने कहा कि ‘जो नाव डूब रही है, क्या पंजाब के लोग उस नाव में पैर रखेंगे। जब हिंदू-सिख एकता में दरार पड़ गई थी। उसे दूर करने की कोशिश बादल साहब ने की। दल बदलना मानो उनका चुनावी उत्सव होता है। कांग्रेस ने बंगाल में कम्युनिस्ट का हाथ थामा, यूपी में सपा का हाथ थामा। बादल साहब ने ना दिल बदला ना दल।’