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क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना में आपका स्वागत है

सरकारें और सत्ता बदलते ही सबसे पहले शहरों, कस्बों, रेलवे स्टेशनों, विमानतलों, सड़कों, गली और मोहल्लों के नाम बदलने की होड़ लग जाती है। यह अलग बात है कि लोगों के जहन में बरसों बरस वही पुराने नाम चले आते हैं।
क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना में आपका स्वागत है

 बंबई लाख मुंबई हो गया हो लेकिन बंबई कहने में लोगों को अभी रोमांच महसूस होता है। काम करने या घूमने जाने वाले लोगों के लिए रोशोगुल्ले का शहर कलकत्ता ही है कोलकाता नहीं। चेन्नई के समुद्री तट कभी भी चेन्नई के तटों का मुकाबला नहीं कर सकते। 

नाम का जो भी गणित हो लेकिन हजारों कागजात पर नाम बदलना, सरकारी फाइलों में बदलाव और ऐसी ही थकाऊ प्रक्रिया के साथ नाम बदले जाते हैं। जब किसी रेलवे स्टेशन का नाम बदला जाता है तो ऑन लाइन आरक्षण में इसका असर सबसे ज्यादा पड़ता है। स्टेशन के पुराने नामों से खोजने वाले परेशान होते हैं और स्टेशन के नाम लोगों के दिमाग में रहने के बजाय सिर्फ पीले रंग से बोर्ड पर ही रह जाते हैं।    

नएपन की नई पहल अब बेंगलूरु पर हुई है। पहले बेंगलौर, फिर बेंगलूरु सिटी और अब कर्नाटक की राजधानी बेंगलूरु स्टेशन का नया नाम क्रांतिवीरा संगोल्ली रायन्ना हो गया है। केंद्र ने नए नाम को हरी झंडी दे दी है। यह निर्णय कर्नाटक सरकार के अनुराध पर किया गया है। सितंबर 2014 को केंद्र सरकार ने राज्य 12 शहरों और कस्बों के नाम बदलने की पेशकश की थी, जिसमें मेंगलौर (मेंगलुरू), बेल्लारी (बल्लारी), बीजापुर (वीजापुर), चिकमंगलूर (चिक्कमंगलूरु), गुलबर्गा (कलाबुर्गइ), मैसूर (मेसूर), होसपेट (होसापेटे), शिमोगा (शिवमोग्गा), हुबली (हुब्बल्ली और तुमकुर (तुमाकुरु) हैं।

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