अपने साथी की गिरफ्तारी के खिलाफ प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी ने 22 जनवरी को झारखंड बंद का एलान किया है। 13 जनवरी को झारखंड पुलिस ने 15 लाख के इनामी नक्सली कृष्णा हांसदा को गिरिडीह से गिरफ्तार किया था।
भाकपा माओवादी रीजनल कमेटी के प्रवक्ता आजाद ने प्रेस बयान जारी कर कहा है कि 13 जनवरी को कृष्णा हांदसा व एक अन्य साथी को गिरफ्तार कर लिया गया है। संगठन की गोपनीय जानकारी लेने के लिए इन्हें काफी परेशान किया जा रहा है। पुलिस की इस कार्रवाई के खिलाफ संगठन ने 22 जनवरी को झारखंड बंद का कॉल दिया है। बंद से अस्पताल, एंबुलेंस, दूध, पानी, अखबार, मेडिकल को कोई फर्क नहीं पड़ेगा।
बता दें कि झारखंड में अभी भी कई जिले में बड़े इलाके हैं जो नक्सलियों के बंद के एक कॉल से पूरी तरह प्रभावित हो जाते हैं। पुलिस के हत्थे चढ़ा कृष्णा हांसदा भाकपा माओवादी के रीजनल कमेटी का सदस्य था। गिरिडीह के पारसनाथ के इलाके में उसकी जबरदस्त पकड़ थी, खौफ था। हांसदा गिरिडीह के ही पीरटांड के मंझलाडीह का रहने वाला था।
पारसनाथ के इलाके में कई हिंसक घटनाओं को अंजाम दे चुका था। स्नातक तक की पढ़ाई करने वाला कृष्णा हांसदा एक करोड़ के इनामी प्रशांत बोस का भी काफी करीबी था। उसकी गिरफ्तारी से माओवादियों को गहरा झटका लगा है। उसके खिलाफ डुमरी, मधुबन, नियमाघाट, तोपचांची, बगोदर आदि में 50 से अधिक मामले दर्ज हैं। उसके इनपुट पर पुलिस ने कुछ सफल ऑपरेशन किये,पारसनाथ की तराई व पर्वत पर छापेमारी कर पुलिस ने नक्सलियों का कैंप ध्वस्त किया था। कुछ और ऑपरेशन की तैयारी है। बंद की घोषणा के बाद पुलिस अलर्ट मोड पर है।