छात्राें के एक समूह ने पहले यह घोषणा की थी कि वह आज विश्व मानवाधिकार दिवस के अवसर पर परिसर में 'बीफ उत्सव' का आयोजन करेगा। इसके जवाब में एक अन्य समूह ने यह घोषणा की थी कि वह इसी दिन 'पोर्क उत्सव' आयोजित करेगा। इससे आपसी तकरार की आशंकाएं बढ़ गई थीं।
एक पुलिस अधिकारी ने कहा, बीती रात उस समूह के आठ प्रमुख सदस्यों को हिरासत में ले लिया जिन्होंने आज बीफ उत्सव आयोजित करने की घोषणा की थी। हम उस्मानिया विश्वविद्यालय परिसर में किसी भी उत्सव का आयोजन नहीं होने देंगे। सहायक पुलिस आयुक्त के. राम भूपाल राव ने बताया कि उन्होंने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए सुरक्षात्मक उपायों के तहत गोशामहल से भाजपा के विधायक टी राजा सिंह को गिरफ्तार कर लिया।
क्या है विवाद
विधायक ने बीफ उत्सव को रोकने का संकल्प जताया था और यह घोषणा की थी कि अन्य समूहों के साथ वह आज गौपूजा करेंगे। शहर की एक दीवानी अदालत ने तीन दिन पहले यथास्थिति बनाए रखने का आदेश जारी किया था, जिसका अर्थ यह था कि उत्सवों के आयोजन पर रोक लगाई जाए। यह आदेश एक वकील की याचिका के आधार पर जारी किया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि ये आयोजन पशुओं के प्रति निर्दयता रोकथाम कानून एवं गौवध रोकथाम कानून का उल्लंघन है और यह लोगों की धार्मिक भावनाओं को आहत करता है। याचिका में कहा गया कि छात्राें के एक वर्ग ने जब वर्ष 2011, 2012 और 2014 में बीफ समारोह का आयोजन किया था, तब भारी हिंसा हुई थी।
विश्वविद्यालय परिसर में पुलिस ने लोगों और वाहनों की आवाजाही पर प्रतिबंध लगा दिया है। संस्थान के सभी प्रमुख बिंदुओं पर अवरोधक लगा दिए गए हैं और भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। पुलिस ने विश्वविद्यालय में नियमित रूप से सुबह की सैर करने वालों को भी अनुमति नहीं दी। देश के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में से एक उस्मानिया विश्वविद्यालय ने स्पष्ट कर दिया है कि बीफ उत्सव, पोर्क उत्सव और गौपूजा जैसी कोई भी गतिविधि, जो शिक्षा से जुड़ी नहीं होगी, उसे परिसर में आयोजित किए जाने की अनुमति नहीं होगी।