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लॉकडाउन के बीच पंजाब में इन शर्तों के साथ फैक्ट्रियां खोल सकेंगे कारोबारी, सरकार ने दिया आदेश

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन का काम शुरू करने का आदेश...
लॉकडाउन के बीच पंजाब में इन शर्तों के साथ फैक्ट्रियां खोल सकेंगे कारोबारी, सरकार ने दिया आदेश

पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने आज फैक्ट्रियों में प्रोडक्शन का काम शुरू करने का आदेश देकर सब तरफ हाहाकार मचा दिया। कारोबारी से लेकर आम जन तक सबकी जुबान पर एक ही बात है कैप्टन सरकार ने फैक्ट्रियां खोलने का आदेश देकर घर-घर तक कोरोना पहुंचाने का इंतजाम कर दिया है जबकि प्रधानमंत्री हाथ जोड़कर लोगों से घरों में रहने की अपील कर रहे हैं। 

इन शर्तों के साथ कारोबारी खोल सकेंगे फैक्ट्री

सरकार के इस फैसले के विरोध में तमाम पंजाब की औद्योगिक एसोसिएशनों ने मोर्चा खोल दिया है। बता दें कि कन्फैडरेशन ऑफ इंडियन इंडस्ट्री के पंजाब प्रधान राहुल आहूजा और चैंबर आफ इंडस्ट्रियल एंड कमर्शियल अंडरटेकिंग के प्रधान उपकार सिंह आहूजा के साथ मिलकर केवल आईवाश करने के लिए फैसला दिया कि जो कारोबारी अपनी फैक्ट्री चलाना चाहता है वह अपनी फैक्ट्री को पूरी तरह सेनेटाइज करें और लेबर को फैक्ट्रियों के अंदर ही रखें, उन्हें बाहर नहीं आने दिया जाएगा। उनके खाने-पीने की जिम्मेदारी कारोबारियों की ही होगी और रोजाना उनका मैडीकल टैस्ट करवाना होगा। जिसे यह शर्तें मंजूर होगी उसे ही डिस्ट्रिक्ट इंडस्ट्री सैंटर के जनरल मैनेजर फैक्ट्री चलाने की इजाजत देंगे। यानी सरकार ने अपना बचाव करते हुए उक्त एसोसिएशनों के प्रधानों की मांग का बहाना लगाकर उन्हें अपने रिस्क पर फैक्ट्रियां चलाने की इजाजत दे दी।

बड़े घरानों ने भी जताया रोष 

फैक्ट्रियां खोलने के फैसले पर बड़े कारपोरेट घरानों ने भी रोष जताया जबकि सरकार ने जो शर्तें रखी हैं उन्हें बड़े घराने आराम से पूरी कर सकते हैं। इसके बावजूद उन्होंने कह दिया है कि वह प्रोडक्शन का काम तब तक शुरू नहीं करेंगे जब तक स्थिति स्थिर नहीं हो जाती है। हीरो साइकिल के सी.ई.ओ. एस.के.राय, एवन साइकिल के ओंकार सिंह पाहवा, नीलम साइकिल के के.के.सेठ, यूरो फोर्ज के अमित गोस्वामी, एस.सी. रल्हन, ईस्टमेन के जगदीप सिंघल, रालसन के संजीव पाहवा ने कहा कि जब कच्चा माल ही नहीं आएगा तो प्रोडैक्शन कहां से होगी। दूसरा हर इंडस्ट्री के पास उतनी जगह नहीं है कि वह लेबर को फैक्ट्रियों के अंदर रख सकें। यदि माल तैयार भी कर लिया जाता है तो उसे बेचा कहां जाएगा। प्रधानमंत्री के कोरोना वाले मैसेज को पंजाब सरकार ने कुछ एसोसिएशन के प्रधानों के हत्थे चढ़कर बिना सोचे-समझे फेल कर दिया है। कारोबार करने के लिए बाजार में तो निकलना ही पड़ेगा। यदि कोई व्यक्ति प्रभावित होता है तो वह फैक्ट्री के सारे वर्करों को कोरोना से प्रभावित करेगा। उसकी जिम्मेदारी कौन लेगा। इसलिए तमाम इंडस्ट्री ने पैसा कमाने के लिए लेबर की जान को जोखिम में डालने से साफ इंकार कर दिया है। हां, टैक्सटाइल की कुछ इंडस्ट्री जिन्होंने लेबर के लिए अपनी फैक्ट्रियों में घर मुहैया करवाए हुए हैं वह प्रोडैक्शन का काम शुरू कर सकते हैं लेकिन 99 फीसदी के लिए संभव नहीं है।

राज्य में नहीं हो पा रही है दवाईयों की आपूर्ति

कोरोना वयारस के कारण लॉकडाउन और कर्फ्यू की स्थिति के कारण पंजाब में दवाईयों की आपूर्ति नहीं हो पा रही। इस कारण शिशुओं के लिए मास्क, सैनिटाइटर, इंसुलिन और दूध पाउडर जैसी कई आवश्यक वस्तुएं स्टॉक से बाहर चल रही हैं। खुदरा विक्रेताओं का कहना है कि उनके पास दवा स्टॉक एक सप्ताह से अधिक का नहीं है। 

उच्चरक्तचाप और हृदय रोगों के रोगियों के लिए इंसुलिन और दवाओं का भंडार तेजी से घट रहा है। मोहाली के वितरकों से कोई आपूर्ति नहीं हुई है। पंजाब केमिस्ट एसोसिएशन के डॉ. वीजी सोमानी, ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया, नई दिल्ली को पत्र लिखकर हस्तक्षेप की मांग की है। एसोसिएशन अध्यक्ष सुरिंदर दुग्गल ने कहा कि राज्य सरकार को उनके लिए कर्फ्यू पास जारी करना चाहिए, ताकि वह निजी वाहनों के जरिए जीरकपुर, अंबाला और हिमाचल प्रदेश से दवाइयां ला सकें।

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