भोपाल गैस त्रासदी के पीड़ितों की आवाज बनने वाले अब्दुल जब्बार का निधन हो गया। वे लम्बे समय से बीमार चल रहे थे। इससे एक दिन पहले मध्य प्रदेश सरकार ने घोषणा की कि वह 1984 के यूनियन कार्बाइड गैस रिसाव त्रासदी के पीड़ितों के लिए काम करने वाले प्रमुख कार्यकर्ता अब्दुल जब्बार के इलाज का खर्च वहन करेगी।
इस त्रासदी में अब्दुल जब्बार ने अपने माता-पिता को खो दिया था। साथ ही उनके फेफड़ों और आंखों पर भी गंभीर असर हुआ था। बताया जा रहा है उन्हें एक आंख से बेहद कम दिखाई देता था।
पिछले कुछ महीनों से जब्बार का चल रहा था इलाज
जब्बार का पिछले कुछ महीनों से इलाज चल रहा था। जब्बार 'भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन' के संयोजक थे। जब्बार द्वारा बनाया गया गैर सरकारी संगठन 'भोपाल गैस पीड़ित महिला उद्योग संगठन’ लगभग तीन दशक से भोपाल गैस कांड के जीवित बचे लोगों के हित में काम कर रहा है।
प्रदेश सरकार ने जब्बार के इलाज का खर्च उठाने का किया था ऐलान
निधन से एक दिन पहले ही मध्य प्रदेश सरकार ने उनके इलाज का खर्च उठाने का ऐलान किया था। मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी ट्वीट कर अब्दुल जब्बार के इलाज का खर्च उठाने की बता कही थी।
हार्ट पेशेंट थे जब्बार
जब्बार का इलाज कर रहे डॉ. अब्बास का कहना है कि जब्बार हार्ट पेशेंट थे। उन्हें डायबिटीज भी थी। गुरुवार रात 9 और 10 बजे उन्हें दो बार हार्टअटैक आया, जिससे उनका निधन हो गया। यादगारे शाहजहांनी पार्क पर हो रहे अतिक्रमण के खिलाफ भी उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी।
इस त्रासदी में चली गई थी 15000 से अधिक लोगों की जानें
बता दें कि भोपाल शहर में तीन दिसम्बर सन् 1984 को एक भयानक औद्योगिक दुर्घटना हुई थी। इसे भोपाल गैस कांड, या भोपाल गैस त्रासदी के नाम से जाना जाता है। भोपाल स्थित यूनियन कार्बाइड नामक कंपनी के कारखाने से एक जहरीली गैस का रिसाव हुआ जिससे लगभग 15000 से अधिक लोगों की जान चली गई तथा बहुत सारे लोग अनेक तरह की शारीरिक अपंगता से लेकर अंधेपन के भी शिकार हुए। भोपाल गैस काण्ड में मिथाइल आइसोसाइनाइट नामक जहरीली गैस का रिसाव हुआ था जिसका उपयोग कीटनाशक बनाने के लिए किया जाता था।