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पुलिस दंपती की बेटी से गैंगरेप, एफआइआर दर्ज करने में थाने करते रहे ना-नुकुर

महिलाओं के लिए सुरक्षित माने जाने वाले शहर भोपाल में एक युवती के साथ गैंगरेप ने फिर से उस समाज का...
पुलिस दंपती की बेटी से गैंगरेप, एफआइआर दर्ज करने में थाने करते रहे ना-नुकुर

महिलाओं के लिए सुरक्षित माने जाने वाले शहर भोपाल में एक युवती के साथ गैंगरेप ने फिर से उस समाज का घिनौना चेहरा सामने ला दिया है जिसमें हम रहते हैं। कोचिंग से लौट रही 19 साल की युवती को चार वहशी दरिंदों ने पहले अगवा किया। फिर तीन घंटे तक हवस का शिकार बनाया। तीन थानों का चक्कर लगाने के बाद एफआइआर दर्ज की गई, जबकि पीड़िता के माता-पिता दोनों पुलिस में हैं। एक पुलिस अधिकारी ने तो पीड़िता पर उलटे फिल्मी कहानी सुनाने का आरोप लगा दिया।  

यह सब कुछ उस राज्य मध्यप्रदेश में हुआ जहां के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान खुद को मामा कहे जाने पर गर्व महसूस करते हैं। पर सवाल किसी एक राज्य का नहीं है। देश के तमाम शहरों से आए दिन ऐसी खबरें आती रहती हैं। हाल ही में उत्तर प्रदेश के मेरठ से सौ साल की वृद्धा और छह साल की मासूम को हवस का शिकार बनाने की घटना सामने आई थी।

ऐसी हर घटना के बाद पुलिस की संवेदनहीनता सामने आती है। पहले पीड़िता को ही गुनहगार साबित करने की कोशिश होती है और जब मामला तूल पकड़ता है तो शर्मसार पुलिस कुछ अधिकारियों को सस्पेंड कर खानापूर्ति कर लेती है। टाइम्स ऑफ इंडिया के अनुसार भोपाल में जिस युवती के साथ गैंगरेप हुआ उसके पिता एक सुरक्षा बल में सब इंस्पेक्टर हैं और मां सीआइडी में है। मंगलवार की शाम युवती को उस वक्त अगवा किया गया जब वह कोचिंग से लौट रही थी। रेलवे ट्रैक पार करते वक्त चार लोगों ने उसे दबोचा और रेलवे लाइन की पुलिया के नीचे ले जाकर दुष्कर्म किया।

जिस जगह उसकी अस्मत लूटी गई वहां से एक व्यस्त सड़क और रेलवे ट्रैक महज कुछ मीटर की दूरी है। व्यस्त हबीबगंज रेलवे स्टेशन 100 मीटर तो आरपीएफ का पोस्ट 50 मीटर दूर है। सौ मीटर की दूरी पर स्थित सड़क से हजारों वाहन गुजरे, लेकिन किसी ने उसकी चीख नहीं सुनी। करीब तीन घंटे तक हवस का शिकार बनाने के बाद आरोपियों ने कान के बूंदे, घड़ी और मोबाइल छीन लिए। बेहोश पीड़िता को मरा हुआ समझकर चारों भाग गए।

होश में आने पर पीड़िता हबीबगंज के जीआरपी पोस्ट पहुंची और अपने माता-पिता को घटना की जानकारी दी। अगली सुबह परिवार शिकायत दर्ज कराने एमपी नगर थाने पहुंचा। एक एसआइ ने घटनास्‍थल पर पहुंचकर उन्हें हबीबगंज पुलिस स्टेशन जाने को कहा। वहां के कर्मचारियों ने हबीबगंज जीआरपी जाने को कहा।

पीड़िता की मां ने बताया कि इसी दौरान दो आरोपियों को उनकी बेटी ने मानसरोवर कॉम्पलेक्स के पास देखा जो घटनास्‍थल से करीब 500 मीटर दूर है। दोनों को पकड़कर जीआरपी हबीबगंज के हवाले कर दिया। आखिरकार बुधवार शाम छह बजे हबीबगंज जीआरपी थाने में केस दर्ज हुआ। चारों आरोपी अब पुलिस गिरफ्त में हैं। इनमें से एक अपनी नवजात बेटी की हत्या के आरोप में जमानत पर बाहर था। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा है कि इस घटना को चिह्नित अपराधों की श्रेणी में रखकर फास्ट ट्रैक कोर्ट में ट्रायल कराया जाएगा।

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