जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में ईद-उल-अजहा के मौके पर गाय, बछड़ों और ऊंटों की बलि पर प्रतिबंध लगाने का आह्वान किया है। इस बारे में निदेशक योजना, जम्मू-कश्मीर पशु और भेड़ पालन और मत्स्य पालन विभाग ने कश्मीर और जम्मू दोनों क्षेत्रों के संभागीय आयुक्तों और आईजीपी को एक पत्र लिखकर इन जानवरों के मारने पर पूर्ण प्रतिबंध लगाने को कहा है। बता दें कि ईद के के मौके पर भेड़, गाय, बछड़ों और ऊंटों की कुर्बानी दी जाती है।
जम्मू-कश्मीर में कई धार्मिक संगठनों के समूह मुत्ताहिदा मजलिस-ए-उलेमा (एमएमयू) ने प्रतिबंध के खिलाफ शुक्रवार को इस पर कड़ी नाराजगी जताई और कहा कि यह प्रतिबंध धार्मिक स्वतंत्रता का सीधा-सीधा उल्लंघन है। एमएमयू ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि ईद के धार्मिक अवसर पर गोवंश के जानवरों की बलि को "अवैध" कहा जा रहा है और जानवरों के प्रति क्रूरता की रोकथाम की आड़ में इसकी अनुमति नहीं दी जा रही है।
एमएमयू ने कहा, “ईद-उल-अजहा पर गोवंश सहित अनुमति योग्य जानवरों की सर्वशक्तिमान अल्लाह की राह में कुर्बानी ही इस त्योहार को मनाने का सटीक कारण है। इसलिए यह इस दिन के लिए एक महत्पूर्ण धार्मिक नियम है और इसका पालन करना लोगों का फर्ज है।"
एमएमयू ने बयान में कहा है कि सरकार को ऐसे मनमाने आदेश जारी करने से बचना चाहिए जो जम्मू-कश्मीर के मुसलमानों के लिए अस्वीकार्य हैं क्योंकि वे सीधे उनकी धार्मिक स्वतंत्रता और उनके व्यक्तिगत कानून का उल्लंघन करते हैं, जिससे उन्हें बहुत पीड़ा होती है। बयान में कहा गया, "हम सरकार से इस मनमाने और भेदभावपूर्ण आदेश को तुरंत रद्द करने और कश्मीर के लोगों को अपने धार्मिक दायित्वों और त्योहार की भावना को ध्यान में रखते हुए ईद मनाने का आग्रह करते हैं।"