दहेज प्रथा और बाल विवाह के खिलाफ बिहार के मानव श्रृंखला के मुख्य कार्यक्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उप-मुख्यमंत्री सुशील मोदी ने हिस्सा लिया। इसके लिए गांधी मैदान में हजारों लोगों की भीड़ उमड़ी।
#Bihar Chief Minister Nitish Kumar participated in statewide human chain formed to raise awareness against dowry & child marriage; #Visuals from Patna's Gandhi Maidan pic.twitter.com/wDYpoApo2H
— ANI (@ANI) January 21, 2018
रविवार को दोपहर 12 बजे शुरू होने वाले इस आधे घंटे के शो को प्रशासन और सरकार 'सुपरहिट' बनाने में कोई कसर नहीं छोड़ना चाह रही है। इस दौरान कई स्थानों पर यातायात व्यवस्था को रोक दिया जाएगा या फिर उसमें परिवर्तन किया जा रहा है।
जनशिक्षा निदेशक डॉ़ विनोदानंद झा ने कहा, "बेशक वर्ष 2017 में शराबबंदी के खिलाफ बनीं मानव श्रृंखला से यह श्रृंखला बड़ी होगी। 13,654 किलोमीटर में बनने वाली इस मानव श्रृंखला में चार करोड़ से ज्यादा लोगों के भाग लेने की संभावना है। इस मौके पर राज्य के सभी जिलों में 40 ड्रोनों द्वारा तस्वीर अैर वीडियोग्राफी करवाई जाएगी तथा सूचना जनसंपर्क विभाग द्वारा इसस मौके पर एक वृत्तचित्र बनाने की योजना है।"
इस मानव श्रृंखला में सत्ताधारी जद (यू) और भाजपा के लोग तो शामिल हो रहे हैं लेकिन राजद और कांग्रेस ने इससे दूरी बना ली है। राजद के नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव कहते हैं, "नीतीश कुमार चोरी की हुई सरकार चला रहे हैं। अपने दानवी कृत्यों को छिपाने के लिए मानव श्रृंखला की आड़ ले रहे हैं।"
राजद के प्रदेश अध्यक्ष रामचंद्र पूर्वे का कहना है कि इस मानव श्रृंखला का कोई मतलब नहीं हैं। इससे बिहार के लोगों को कोई लाभ नहीं है। यही श्रृंखला अगर बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग को लेकर बनाई जाती तब राजद जरूर शामिल होती।
कांग्रेस के प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष कौकब कादरी कहते हैं कि यह मानव श्रृंखला औचित्यहीन है। यह मुख्य मुद्दे से लोगों का ध्यान हटाने के लिए किया जा रहा है।