बीते दिनों बिहार बोर्ड इंटरमीडिएट का रिजल्ट जारी किया गया है। इसमें एक दिलचस्प खबर सामने आई है। एनबीटी की रिपोर्ट के मुताबिक नालंदा कोर्ट के जज मानवेंद्र मिश्रा ने मानवीय गुणों को प्राथमिकता देते हुए शनिवार को एक फैसला सुनाया है।
दरअसल, एक किशोर ने इंटर साइंस में प्रथम श्रेणी से पास होने का अंक पत्र कोर्ट में पेश करते हुए कहा कि “सर! इंटर में फर्स्ट आए हैं।“ इतना सुनते ही किशोर न्याय परिषद के प्रधान दंडाधिकारी मानवेंद्र मिश्र ने बच्चे और उसके मां-बाप की काउंसिलिंग करते हुए केस बंद कर दिया और कई महत्वपूर्ण बातें कही।
रिपोर्ट के मुताबिक आरोपित किशोर नालंदा थाना क्षेत्र का रहने वाला है। आरोपी के खिलाफ वर्ष 2019 में अपने परिजनों के साथ मिलकर मारपीट करने और छेड़छाड़ करने का आरोप लगा था। आरोपी किशोर का जब शनिवार को इंटर साइंस का रिजल्ट आया तो वो अंक पत्र के साथ कोर्ट में उपस्थित हुआ। छात्र ने इंटर साइंस में 69 फीसदी अंक से परीक्षा पास की है।
कोर्ट में पेश किए जान के बाद जज ने मानवता के आधार पर उसकी काउंसलिंग करते हुए केस को बंद कर दिया। कोर्ट ने कहा कि यदि केस आगे चलता है तो किशोर को पढ़ाई में बाधा आएगी।